शिवपुरी। शिवपुरी तहसील क्षेत्र के नीमडांडा स्थित वेयरहाउस से मंगलवार की रात 9 बजे प्रशासन की टीम ने बड़ी मात्रा में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) का राशन पकड़ा। गोदाम मालिक पीडीएस का चावल खरीदता था। इसी चावल को वह पॉलिश कर भारत ब्रांड के नाम से 10 किलो चावल के पैकेट बनाता था। यह पैकेट 290 रुपए में बेचता था। इसके साथ ही पीडीएस का ही 1150 क्विंटल गेहूं भी बरामद किया गया है।
एसडीएम उमेश कौरव ने बताया कि कुल करीब 50 लाख रुपए का माल मौके से मिला है। वेयर हाउस को सील कर दिया गया है। गोदाम मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा रही है।
तहसीलदार सिद्धार्थ शर्मा ने बताया कि कलेक्टर रवींद्र कुमार चौधरी को मुखबिर से सूचना मिली थी कि पीडीएस का गेहूं और चावल नीम डांडा स्थित स्वास्तिक गोदाम पर उतारा जा रहा है। कलेक्टर ने तत्काल एसडीएम उमेश कौरव और खाद्य आपूर्ति विभाग की टीम को कार्रवाई के निर्देश दिए। जब टीम मौके पर पहुंची तो सायरन की आवाज सुनकर ट्रक चालक ट्रक छोड़कर भाग गया। एक कार मौके पर मिली। यह कार गोदाम मालिक तायल की बताई जा रही है। टीम को मौके पर ट्रक क्रमांक एमएच 1बी बीजी 0925 भी खड़ा मिला। यहां माल उतारते हुए कुछ लोग मिले।
इनसे भारत ब्रांड चावल के 1580 बैग मिले। यह बैग 10-10 किलो वजन के थे। एसडीएम कौरव ने बताया कि पड़ताल करने पर पता चला कि पीडीएस का चावल खरीदकर उसे प्रोसेस कर 10 किलो वजन के भारत ब्रांड के पैकेट बनाए जाते हैं और इसे 290 रुपए में बेचा जाता है। मौके से पीडीएस का 1150 क्विंटल गेहूं भी बरामद हुआ है। ट्रक में 88 अन्य बैग भी बरामद हुए जो चावल के बताए जा रहे हैं। कुल मिलाकर तकरीबन 50 लाख रुपए का माल बरामद किया गया है। इसमें से 200 पैकेट धान के भी शामिल हैं जो पीडीएस के नहीं है। यहां से पीडीएस के खाली रैपर भी जब्त किए गए हैं।
एफआईआर के निर्देश दिए
आरोपी के खिलाफ एफआईआर कराने के निर्देश खाद्य आपूर्ति अधिकारी को दिए हैं। कुल माल 50 लाख के करीब का बताया जा रहा है। हम जांच करा रहे हैं।
उमेश कौरव, एसडीएम,
माल का रिकॉर्ड हमारे पास है
कोलारस गोदाम से तीन गाड़ी गेहूं पिछोर परिवहन किया जा रहा था। दो गाड़ी पिछोर पहुंचा दी लेकिन एक गाड़ी के टायर फट गए। लोकल से गाड़ी मंगवाकर यह माल कोटा गांव के पास चावल प्लांट पर उतरवाने भेजा, ताकि दूसरे दिन पिछोर भेजा जा सके। चावल प्लांट पर रखा माल मंडी से खरीदा है, जिसका रिकॉर्ड हमारे पास है। -
संतोष तायल, परिवहनकर्ता