शिवपुरी। शिवपुरी समाचार की खबर की असर हुआ है पिछले 3 साल से महिला के पद जमे एपीसी जेंडर संतोष गर्ग की कलेक्टर शिवपुरी ने प्रतिनियुक्ति समाप्त कर दी है,शिक्षक संतोष गर्ग को मूल विभाग भेज दिया गया है। खबरों की विश्वसनीयता का प्रतीक शिवपुरी समाचार डॉट कॉम ने 12 अगस्त को महिला का पद संभाल रहे है एपीसी जेंडर संतोष गर्ग,कलेक्टर साहब को ध्यान देना होगा शीर्षक से प्रकाशित की थी,कलेक्टर रविन्द्र कुमार चौधरी ने इस खबर पर ध्यान दिया और मामले को संज्ञान में लेते हुए शिक्षक संतोष गर्ग को एपीसी जेंडर के पद से मुक्त करते हुए स्कूल शिक्षा विभाग में वापस भेज दिया है।
यह सवाल खडा किया था शिवपुरी समाचार ने
बीते 09 अगस्त को सतनवाड़ा के कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास में पोहरी विधायक कैलाश कुशवाह ने औचक निरीक्षण कर डाला इस निरिक्षण में खाना मेन्यू के आधार पर नहीं मिला। तमाम अनियमितताएं मिली,स्पष्ट पकड़ा गया कि छात्राओं के निबले की कमीशन खोरी की जा रही है। मामले में जांच शुरू हो चुकी है और वार्डन को सस्पेंड कर दिया गया है।
अब सवाल यह उठा था कि एपीसी जेंडर का पद एक महिला शिक्षिका का होता है,फिर कैसे एक पुरुष शिक्षक को इस पद पर सुशोभित कैसे कर दिया। इन छात्राओं के छात्रावास में पुरुष शाम पांच बजे के बाद प्रवेश नहीं कर सकता है अगर कोई पुरुष अधिकारी इन छात्रावास का निरीक्षण करने जाता है तो उसे पांच बजे से पहले जाना होता है वह भी किसी महिला कर्मचारी को साथ लेकर।
पिछले 3 साल से संतोष गर्ग एपीसी जेंडर के पद पर है,सतनवाड़ा छात्रावास में तमाम गड़बड़ी पकड़ी गई है,स्वाभाविक है शिवपुरी जिले के तमाम छात्रावास मे इसी प्रकार की गडबडी होती होगी। बताया जा रहा है कि एपीसी जेंडर संतोष गर्ग की ड्यूटी है कि वह महीने भर में एक छात्रावास का निरीक्षण करे लेकिन ऐसा नहीं होता है। सब काम डीपीसी कार्यालय में बैठकर ही अपने निरीक्षण प्रपत्र भर लेते है।
एपीसी जेंडर को दिया गया था नोटिस
इस मामले में एपीसी जेडर संतोष गर्ग को 9 अगस्त को नोटिस जारी किया गया था और 12 अगस्त तक जवाब मांगा गया था, लेकिन निर्धारित अवधि में उन्होंने जवाब नहीं दिया जिसे कार्य के प्रति लापरवाही, उदासीनता मानते हुए कलेक्टर एवं जिला मिशन संचालक रवीन्द्र कुमार चौधरी ने गर्ग की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर सेवाएं मूल स्कूल शिक्षा विभाग को वापस कर दी हैं।
30 सितम्बर 2022 की कंडिका 3 के उल्लंघन
यह कार्यवाही राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल के 17 सितम्बर 2012 के उन निर्देशों के क्रम में की गई है जिसमें एपीसी जेण्डर छात्रावासों के सुचारू संचालन एवं मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी निहित की गई है, लेकिन गर्ग द्वारा इन निर्देशों का पालन नहीं किया गया, साथ ही उनके प्रतिनियुक्ति आदेश 30 सितंबर 2022 की कंडिका 3 के उल्लंघन का भी उन्हें दोषी पाया गया। छात्रावास मामले में कलेक्टर द्वारा की गई इस कार्यवाही को जिले में अब तक की एक बड़ी कार्यवाही के रूप में देखा जा रहा है।