SHIVPURI NEWS - बदरवास में साईड देखने अया था मृतक इंजीनियर,कार भी मिली: 6 माह पहले हुई थी शादी

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी जिल के बदरवास थाना सीमा में गुना के इंजीनियर की लाश मिली है। इंजीनियर को पीठ में गोली मारी गई है और उसकी लाश पुल पर फैक दी। मृतक इंजीनियर की 6 माह पूर्व शादी हुई थी और उसके गांव में उसका कुछ दिन पूर्व झगडा भी हुआ था। बताया जा रहा है कि बदरवास में जिस साइड पर वही भी विवाद होने की खबर मिल रही है। फिलहाल बदरवास पुलिस इस हत्याकाण्ड की बारिकी से जांच कर रही ह।

जानकारी के अनुसार बरखेड़ाहाट हाल टेकरी के पास गुना में रहने वाले संजय कुशवाह उम्र 28 साल आर्किटेक्ट इंजीनियर थे। यह जय स्तंभ चौराहे पर संचालित एक कंसलटेंसी में काम करते थे। रविवार को इनकी कंसलटेंसी का अवकाश था। इसलिए यह अपने गांव चले गए। यहां से दोपहर में गुना लौटकर आए। बताते हैं कि शाम को लगभग चार बजे संजय ने पत्नी को कहा कि वह बदरवास में साइट देखने जा रहे हैं। इसके बाद कार से रवाना हो गए।

शाम को सात बजे परिजन को उनका शव मिलने की सूचना दी गई। संजय कुशवाह का शव एनएच-46 पर सड़क के बगल से मिला। वारदात के बाद इसकी कार भी गायब थी। बदरवास टीआई रवि चौहान ने बताया कि शव पर कहीं कोई चोट के निशान नहीं थे। सिर्फ पीठ में छोटा सा छेद था। बाद में पता चला कि यह गोली का निशान है। संभवतः संजय कुशवाह की पीठ में नजदीक से गोली मारकर हत्या की गई है।

जिसकी साइट देखने गए, उनसे हुआ विवाद
संजय कुशवाह की हत्या का कारण ओर हत्यारो का अभी कारण पता नहीं चल सका है। यह कहा जा रहा है कि संजय बदरवास में जिस साइट को देखने गया था, वहां इनका किसी से मुंहवाद हुआ। हालांकि पुलिस ने इस बात की पुष्टि नहीं की है। वहीं, मृतक का अपने गांव में भी पुराना विवाद चल रहा था। इन लोगों पर भी परिजन संदेह जता रहे हैं। गांव में हुए झगड़े के बाद ही इन्होंने अपने गांव की टेंट व डीजे दुकान पर सुरक्षा के लिए लिहाज से सीसीटीवी कैमरे लगवाए थे। एसडीओपी विजय यादव ने बताया कि बदरवास के बामोर गांव में मृतक की कार लावारिस हालत में मिली है।

छह माह पहले हुई थी शादी
आर्किटेक्ट इंजीनियर संजय कुशवाह तीन भाई हैं। इनके पिता की एक साल पहले सड़क हादसे में मौत हो चुकी है। करीब छह माह पहले ही संजय की शादी हुई थी। गुना में वह अपनी पत्नी के साथ रहते थे। इनको एक पैर में चोट थे, जिस कारण लंगड़ा कर चलते थे। बताते हैं कि संजय कहीं भी जाए, तो अकेले नहीं जाते। वह हमेशा अपने साथ भाई या कुछ अन्य साथियों को लेकर ही जाते थे। रविवार की शाम को ही वह अकेले निकले। इसके बाद उनके साथ यह वारदात हो गई।