SHIVPURI NEWS - नसबंदी शिविर में डॉक्टरों ने किए हाथ खड़े 50 महिलाएं पहुंची 5 के ऑपरेशन, पढ़िए क्यों

Bhopal Samachar
पवन पाठक@ पिछोर । शिवपुरी जिले के पिछोर स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी शिविर में लगातार अवस्थाए देखने को मिल रही है। पूर्व में महिलाओं को कबाड़ा समझ कर अस्पताल के स्टोर रूम में जमीन पर पटक दिया था। जब मीडिया ने इस मामले का प्रकाशन किया तो अस्पताल प्रबंधन ने अपनी व्यवस्था दुरुस्त ना करते हुए नसबंदी कराने आई महिलओ को बैरंग लौटा दिया है।

बीते 13 दिसंबर के दिन पिछोर स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया था। इस नसबंदी शिविर में स्वास्थ्य अमले ने गंभीर लापरवाही बरती,महिलाओं को कबाड़ा समझ कर अस्पताल में बने स्टोर रूम में जमीन पर लिटा दिया,वर्तमान में शिवपुरी जिले को शीत लहर ने अपनी चपेट में ले लिया है। सूर्यदेव दिन में भी बादलों के छुपे रहते है,कड़ाके की सर्दी के बीच न्यूनतम 10 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है।

जिले में ऐसा पहली बार नहीं हुआ कि नसबंदी कराने आई महिलाओ को स्वास्थ्य विभाग ने महिलाओं ने जमीन पर लिटाया था। 15 दिसंबर को भी पिछोर अस्पताल प्रबंधन ने फिर यह गलती दोहराई थी,फिर महिलाओं के नसबंदी के ऑपरेशन कर जमीन पर लिटा दिया था। दोनो बार इस प्रकार की लापरवाही बरती गई लेकिन संबंधित पर कोई कार्यवाही नहीं की गई।

बीते रोज डॉक्टरों ने कर दिए हाथ खडे
पिछोर में नसबंदी कराने पहुंच रही महिलाओं के ऑपरेशन नहीं हो पा रहे हैं। पिछोर के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी महिलाओं के लिए बिस्तरों की व्यवस्था ही नहीं कर पा रहे हैं। बुधवार को पिछोर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सिर्फ पांच बेड ही उपलब्ध थे जिसके कारण पांच महिलाओं के ही ऑपरेशन किए जा सके, जबकि वहां ऑपरेशन कराने के लिए करीब दो सैकड़ा महिलाएं पहुंची थी। इसमें से कई महिलाएं ऐसी भी थीं जो पिछले तीन-चार दिन से यहां ऑपरेशन के लिए डेरा डाले हुए हैं।

अव्यवस्थाओं को देख बुधवार को महिलाओं का सब्र टूट गया और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर उन्होंने जमकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने बताया कि हम दूधराज से तीन-चार दिन पहले ऑपरेशन कराने के लिए आए हैं और यहीं पर हैं। अब तक हमारा ऑपरेशन नहीं हो पाया है। केवल पांच महिलाओं का ऑपरेशन किया जा रहा है। महिलाओं ने स्वास्थ्य कर्मियों पर भी सुनवाई नहीं करने के आरोप लगाए। महिलाओं का कहना है कि कितने दिनों तक हम अपना घर छोड़कर यहां पड़े रहेंगे।