शिवपुरी। शिवपुरी में सड़क में भ्रष्टाचार रूपी सड़क के गड्ढों की शिकायत करना आपको महंगा पड सकता है आपका मोबाइल नंबर ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाऐगा। शिवपुरी में कई जागरूक लोगों के नंबर ब्लैक लिस्ट में डाल दिए गए है। सरकार चाहती है कि आप जागरूक ना हो। आप सरकार के काम में हस्तक्षेप ना करे,आप अपने हक और देश के नियम कानून की बात न करे। जो सरकार कहे वह मान ले—आप पढे लिखे होकर अंधे बहरे और गूंगे बने रहे। गढडो का मामला यही कहता है।
शिवपुरी के एडवोकेट संजीव बिलगैया ने एक शिकायत सीएम हेल्पलाइन में की थी। संजीव बिलगैया ने बताया कि हमारे यहां थीम रोड पर हुआ गड्ढा आमजन के लिए परेशानी बन रहा है। यह सुनते ही दूसरी तरफ से आवाज आई कि आपकी हर बार सड़क में गड्ढों की शिकायत आती है, हम इसे नोट नहीं कर सकते। यहां तक तो ठीक है, लेकिन जब फिर नंबर डायल किया तो मोबाइल नंबर ही ब्लैकलिस्ट में डाल दिया गया। ऐसा केवल इनके साथ ही नहीं हुआ, बल्कि शहर के कई लोगों के नंबर ब्लैकलिस्ट में डाले जा चुके हैं।
सीएम हेल्पलाइन 181, जिस पर शिकायत करते ही संबंधित विभाग का अधिकारी-कर्मचारी फोनकर्ता से संपर्क करके समस्या को दूर करने का प्रयास करता है। लेकिन अब इस सेवा में बैठने वाले ऑपरेटर जो व्यक्ति शहर की समस्याओं या किसी विभागीय कारगुजारियों की शिकायत करता है, तो उसकी एक-दो बार शिकायत दर्ज करने के बाद उसका नंबर ही ब्लैक लिस्ट में डाल देते हैं।
मैं तो हमेशा जनहित में शिकायत करता हूं
सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से मैं शिवपुरी शहर की मूलभूत समस्याओं को संज्ञान में लाता हूं। लेकिन आज तो मेरी शिकायत सुनने के बाद ही महिला 'ऑपरेटर ने स्पष्ट कह दिया कि हम आपकी शिकायत दर्ज नहीं कर सकते। मेरा नंबर ही ब्लैकलिस्ट में डाल दिया, जो गलत है।
संजीव बिलगैंया, एडवोकेट
मैने तो दूसरे नंबर से भी किया कॉल
मैने अमोला के पास काटे जा रहे जंगल के अलावा शहर की सड़कों व नालियों आदि की सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की थी। मेरी शिकायत एक-दो बार तो दर्ज करने के बाद बिना कार्रवाई के ही मेरा नंबर ब्लैकलिस्ट में डाल दिया। दूसरे नंबर से भी कॉल किया, लेकिन उठाया नहीं ।
राजीव दुबे, शहर वासी
मेरा 6 साल से ब्लॉक है नंबर: अभिनंदन
मैं शहर में घूमता हूं और जहां भी कोई ऐसी समस्या, जिससे अधिक लोग प्रभावित होते हैं, उसकी शिकायत मैं सीएम हेल्पलाइन में करता था। मेरी शिकायतों को दो-चार बार ही दर्ज किया गया, लेकिन उसके बाद मेरा मोबाइल नंबर 6 साल पहले ही ब्लैकलिस्ट में डाल दिया।
अभिनंदन जैन, सोशल वर्कर
मप्र की सरकार क्या उद्देश्य था 181
जब 181 शिकायत मंच जिसका नाम सीएम हेल्पलाइन रखा गया था इसका उद्देश्य यह था कि आपकी स्थानीय स्तर पर अधिकारी कर्मचारी किसी जनहित समस्या या सरकार की चलाई जा रही योजनाओं को क्रियान्वयन में लापरवाही बरतते है तो आप 181 पर शिकायत कर सकते है,लेकिन जागरूक लोग इस बार शिकायत करते है तो जब तक उनका काम नहीं हो जाता जब तक वह शिकायत को कटने नहीं देत है। इस कारण ही जागरूक लोगों के नंबर ब्लैकलिस्ट में डाल देते है।
निष्कर्ष:मप्र सरकार में अधिक जागरूक होना अपराध है-आप गांधी जी के 3 बंदरो की भूमिका में बने रहिए,सरकार के कामो की तरफ से आंखे बंद कीजिए,सरकार के खिलाफ कुछ मत बोलिए,और सरकार के खिलाफ कुछ ना सुनिए। ऐसा ही कुछ इन लोगों के उदाहरण से लगता है। उन्होंने सरकार के द्वारा डाली जा रही सड़क में गड्ढा देखा,181 पर बोलने की हिम्मत की ओर सरकार के अधिकारी कर्मचारी से सवाल भी कर लिया। अब कुछ लोगों ने इनसे बोला भी होगा कि वकील साहब गढडा हो गया होगा,उन्होंने सुन भी लिया।