SHIVPURI NEWS- आनलाइन ठगने वाले गिरोह ने खोले है आदिवासियों के नाम के खाते,पुलिस जांच में उठी

Bhopal Samachar
बदरवास। जिले के इंदार थाना अंतर्गत ग्राम पीरोट व बरोदिया में पुलिस ने दबिश देकर उन लोगों को तलाशा, जिन्होंने बदरवास के दीवट गांव के 16 आदिवासी महिला-पुरुषों के बैंक खाते खुलवाए। ज्ञात रहे कि उक्त आदिवासियों के बैंक खातों में लाखों रुपए का ट्रांजेक्शन करके फ्रॉड किया गया, जिसका मामला राजस्थान के बांसवाड़ा थाने में दर्ज किया गया।

गौरतलब है कि पीएम किसान सम्मान निधि दिलाने के बहाने से बदरवास के ग्राम दोहा की आदिवासी बस्ती दीवट के 16 लोगों के कोलारस स्थित एक्सिस बैंक में खाते खुलवाने के लिए उनसे हस्ताक्षर करवाए एवं दस्तावेज लिए गए। उसके बाद उन्हें न एटीएम मिला और न ही बैंक की पासबुक, तथा उनके खातों में लाखों रुपए का फ्रॉड हो गया। मीडिया ने इस मामले को प्राथमिकता से उठाया।

शुक्रवार को कोलारस पुलिस ने आदिवासियों द्वारा जिन तीन लोगों पर इस फ्रॉड का आरोप लगाया है, उनकी तलाश के लिए इंदार थाना क्षेत्र के पीरोठ-बरोदिया एवं गुना जिले के बिलोनिया में दबिश दी, लेकिन उक्त स्थानों पर यह तीनों राहुल पुत्र मुकेश कुशवाह पीरोठ, दिनेश पुत्र बाबूलाल कुशवाह एवं दिलीप पुत्र मुकेश कुशवाह नहीं मिले।

बैंक से मांगी खातों की डिटेल
कोलारस थाना प्रभारी मनीष शर्मा द्वारा कोलारस के एक्सिस बैंक में जिन 16 लोगों के खाता खोलने का मामला सामने आया है, उनके आधार कार्ड एवं पैन कार्ड, बैंक की शाखा प्रबंधक को सौंपते हुए उनकी डिटेल मांगी है। अगर इस बैंक में इनके खाते नहीं मिले तो कोलारस एवं शिवपुरी में जहां-जहां भी बैंक हैं, उनमें खाते की डिटेल खंगाली जाएगी। जिस बैंक अकाउंट से फ्रॉड होने के बाद प्रकाश आदिवासी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, उसके बैंक अकाउंट की डिटेल आ गई है।

उक्त अकाउंट में जिस मोबाइल नंबर का उपयोग किया गया है, उसकी पड़ताल की जा रही है। उससे स्पष्ट होगा कि यह फ्रॉड किसने किया है। रुपए बैंक से विड्रोल किए गए हैं या एटीएम से निकाले गए हैं, इसकी भी जांच की जा रही है।

इस मामले में प्रकाश को किया बांसवाड़ा पुलिस ने गिरफ्तार
राजस्थान के बांसवाड़ा शहर की बाहुबली कॉलोनी में रहने वाले 52 वर्षीय संजय कुमार पुत्र केसरीमल गांधी ने थाने में रिपोर्ट की थी कि घुटनों का इलाज कराने के लिए 20 मार्च को उन्होंने अहमदाबाद के शैलबी हॉस्पिटल का नंबर गूगल पर सर्च किया था। एक मोबाइल नंबर उपलब्ध होने पर अपॉइंटमेंट लेने के लिए जब कॉल किया, तो बताया गया कि हम एक एप्लीकेशन फार्म भेज रहे हैं, जिसमें पूरी जानकारी भरकर यूपीआई से रजिस्ट्रेशन शुल्क पांच रुपए हमें भेज दें।

गांधी ने लिंक खोला तथा जानकारी भरकर पांच रुपए शुल्क के साथ मोबाइल से भेज दी। इसके बाद दूसरे दिन शाम को करीब 6.30 बजे उनके एसबीआई के खाते से 99,999 रुपए निकाले गए। इस दौरान एसबीआई की तरफ से एक फोन आया, जिसमें कहा गया कि राशि आपके द्वारा निकाली गई है, तो ठीक है, वरना टोल फ्री नंबर 1930 पर शिकायत करें।

संजय कुमार ने खुद रकम नहीं निकालने की जानकारी देते हुए उक्त नंबर पर शिकायत की तो साइबर सेल सक्रिय हो गई। इसके बाद बांसवाड़ा के साइबर थाने में रिपोर्ट देकर गांधी ने कुल एक लाख चार रुपए की धोखाधड़ी पर कार्रवाई का आवेदन दिया। पुलिस ने धारा 420 व आईटी एक्ट की धारा 66-सी और 66-डी के तहत फोन नंबर के आधार पर अज्ञात कॉलर के खिलाफ केस दर्ज किया।

जांच अधिकारी सीआई राजेश पंचाल ने बताया कि गांधी के खाते से राशि मप्र के शिवपुरी जिले में सेमरी कला, किरोला नेनगीर निवासी प्रकाश पुत्र सुगन आदिवासी के खाते में जमा हुई और फिर एटीएम से निकाली गई। इस फेर में पुलिस ने प्रकाश आदिवासी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

बोले TI: पतारसी जारी है
हमने प्रकाश आदिवासी के बैंक अकाउंट की डिटेल निकाल ली है, जिसकी जांच कर रहे हैं। साथ ही जिन 15 लोगों के खाते खोले गए, उनके भी आधार कार्ड व पैन कार्ड बैंक प्रबंधन को दिए हैं। खाते अगर एक्सिस बैंक में नहीं है तो अन्य बैंकों में भी इसकी पड़ताल की जाएगी।
मनीष शर्मा, थाना प्रभारी कोलारस
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