शिवपुरी। बीते जनवरी के माह में शिवपुरी प्रशासन ने अवैध कॉलोनी के मामले में शहर के कुछ कॉलोनाइजरों के खिलाफ अवैध कॉलोनी काटने के मामले में एफआईआर दर्ज की थी। प्रशासन ने जल्दबाजी के कारण बिना होमवर्क किए ही मामले दर्ज करा दिए,लेकिन एक के बाद एक मामले में प्रशासन मुंह की खा रहा है। जल्दबाजी में दर्ज किए मामलो की एफआइआर हाई कोर्ट में निरस्त हो रही है,वही इन एफआइआर के कारण शहर में बाजार की स्थिति भी बिगड़ गई और उनका टर्नओवर का ग्राफ भी औंधे मुंह गिर गया है।
अभी ताजा मामला शहर के कॉलोनाइजर सतेन्द्र सेंगर का आ रहा है। तत्कालीन एसडीएम गणेश जयसवाल ने सतेंद्र सिंह सेंगर पर अवैध कॉलोनी काटने के आरोप में मामला दर्ज करने के ओदश दिया था। एसडीएम के इस एफआईआर के ओदश को हाई कोर्ट ग्वालियर ने निरस्त करने के आदेश किए है,इस आदेश के बाद यह मामला चर्चा में आ गया है।
यह था मामला
जानकारी के मुताबिक शिवपुरी अनुविभाग के तत्कालीन एसडीएम गणेश जायसवाल ने नौहरी कलां स्थित सर्वे नंबर 427/1 रकवा 2.534 में से 1 हेक्टेयर में अवैध कॉलोनी काटने पर कॉलोनाइजर सतेंद्र सिंह पुत्र मेहताब सिंह सेंगर निवासी शीतोले साहब की कोठी के पास शिवपुरी के खिलाफ 19 जनवरी 2023 को एफआईआर के आदेश निकाला था।
प्रॉपर्टी डीलर सतेंद्र सिंह ने अपने खिलाफ एफआईआर के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने 13 मार्च को उक्त मामले में आदेश जारी कर शिवपुरी एसडीएम के आदेश को निरस्त कर दिया है। बगैर सुनवाई का अवसर दिए कॉलोनाइजर के खिलाफ निकालने की वजह से राजस्व विभाग के अफसर ने एफआईआर कराने का आदेश निकाल दिए थे।
पटवारी ने की घर बैठे कर ली जांच, 45 प्लॉट बेचे जाने का दावा-बिका एक भी नही
शिवपुरी के तत्कालीन एसडीएम गणेश जायसवाल के 19 जनवरी के आदेश में पटवारी और पंचायत सचिव की रिपोर्ट का हवाला है। पटवारी रवि प्रकाश लोधी ने तहसीलदार को सौंपी जांच रिपोर्ट में सर्वे क्रमांक 427/1 रकवा 2.534 हेक्टेयर में से 1 हेक्टेयर सतेंद्र सिंह का बताया है। जिसमें सर्वे नंबर 427/1 रकवा 2.534 हेक्टेयर में सतेंद्र सिंह का हिस्सा 430/5140 वर्तमान अभिलेख में दर्ज है। कॉलोनी काटना बता कर 45 प्लॉट भूखंड के रूप में बेचना दर्शाते हुए वर्तमान खसरों में दर्ज भी बता दिया। जबकि हकीकत में सतेंद्र सिंह के नाम अभी भी 1 हेक्टेयर जमीन दर्ज है, जिसमें से एक भी प्लॉट नहीं बिका है।
गलत सर्वे नंबर की जांच प्रस्तुत कर दी
नौहर कलां के पंचायत सचिव और पटवारी ने मौके पर मुरम रोड, प्लॉट दर्शाए हैं। सड़क, खेल मैदान, नालियां, बाहरी व आंतरिक संरचना, बिजली, सवरी आदि विकास नहीं होना बताया। दरअसल सर्वे नंबर 427 में दूसरे जमीन मालिक ने यह 45 प्लॉट बेच दिए। जबकि प्रशासन ने बिना सुनवाई का अवसर दिए कार्रवाई किसी और पर कर दी।
शहर में गरीबों का अब प्लाट लेना मुश्किल
शहर के कॉलोनाइजरों के खिलाफ जैसे ही मामले दर्ज करने का माहौल प्रशासन ने बनाया जमीनो की रेट दुगनी हो गई। शिवपुरी शहर की अर्थव्यवस्था की बात करे तो केवल 2 पैरो खडी है एक पैर है जमीन का कारोबार वही दूसरा है खेती,खेती भगवान के भरोसे है वही दूसरा जमीनो की खरोत फरोक्त,इसमें कुछ कॉलोनाइजर कम कीमत के जमीनो का काम करते थे,वही कुछ कॉलोनाइजर मंहगी जमीनो। अब छोटे कॉलोनाइजर इस मार्केट से हट चुके है ओर अब वही बच्चे है जो बडी पूंजीपति है अब यह कॉलोनी काट रहे है और अपनी मर्जी के भाव के हिसाब से प्लॉट बेच रहे है। जो प्लॉट पिछले जनवरी में 250 रुपए फुट मिल रहा है अब उसके भाव 450 रूपए को छू रहे है। ऐसे में अब गरीब आदमी प्लॉट लेने की हिम्मत नही कर सकता है।
इनका कहना है
सर्वे नंबर में 1 हेक्टेयर जमीन क्रय की थी, लेकिन उसमें आज तक कोई कॉलोनी नहीं काटी गई है। जिस दिन से जमीन खरीदी है, आज भी उसी हालत में पड़ी है। बिना सुनवाई का अवसर दिए एफआईआर के आदेश हुआ था।
सतेंद्र सिंह सेंगर, भूमि स्वामी शिवपुरी
सतेंद्र सिंह सेंगर के आदेश के बारे में मुझे याद नहीं
शिवपुरी में कॉलोनाइजर के खिलाफ आदेश तो निकाले थे, लेकिन सतेंद्र सिंह सेंगर के आदेश के बारे में मुझे याद नहीं है। यदि हाईकोर्ट ने आदेश निरस्त किया है तो उसका पालन किया जाएगा। गणेश जयसवाल, तत्कालीन एसडीएम, अनुविभाग पोहरी
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