Shivpuri News- शहर में फफूंद लगी बिक रही है ब्रेड, हाथ से लिखी जा रही है एक्सपायरी डेट, स्वास्थ्य से खिलवाड़

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शिवपुरी।
डिब्बा बंद या पैक्ड फूड हमेशा एक एक्सपायरी डेट के साथ आता है। इसकी एक्सपायरी डेट बीत जाने के बाद यह उपयोग के लायक नहीं रहता है। एक्सपायर हाेने के बाद इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। इसके बावजूद शहर में दुकानों पर एक्सपायर हो चुके खाने के सामान को एक्सपायरी डेट के साथ छेड़छाड़ कर बेचा जा रहा है। खासतौर पर ऐसे उत्पादों के छेड़छाड़ की जा रही है जिनकी शेल्फ लाइफ महज तीन से चार दिन होती है।

स्थानीय विक्रेता पैकेजिंग में एक्सपायरी डेट को पेन से अपनी सुविधानुसार लिख रहे हैं। एक उपभोक्ता ने 24 फरवरी को ब्रेड खरीदी गई जिस पर एक्सपायरी डेट को पेन से 27 फरवरी कर दिया गया था। एक्सपायरी डेट के साथ की गई यह छेड़छाड़ साफतौर पर दिखाई दे रही थी। जब दुकानदार से इस संबंध में पूछा गया तो उसने कहा कि ब्रेड कल ही आई है और इस पर तारीख ऐसे ही लिखी रहती है और यह खराब नहीं होगी। अगले दिन यानी शनिवार को ही ब्रेड पर फफूंद लग गई।

कुछ ब्रेडों पर फफूंद के काले धब्बे साफ दिखाई दिए। यह स्थिति और भी कुछ दुकानों पर मिली। इससे साफ होता है कि शहर में किस तरह नामी कंपनियों के उत्पादों के साथ छेड़छाड़ कर आम जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। दुकानदार और डीलर यह इसलिए कर पा रहे हैं क्योंकि खाद्य विभाग के द्वारा कभी इसकी जांच ही नहीं की जाती है। जबकि शिवरात्रि पर ही खराब दूध की वजह से करीब पांच सैकड़ा लोग एक साथ बीमार पड़ चुके हैं। इसके बाद भी खाद्य विभाग मिलावट या दूषित खाद्य पदार्थों के विक्रय के प्रति लेशमात्र गंभीर नहीं है।

फूड पाइजनिंग की खतरा, बैैक्टीरिया भी पनपते हैं..

पुराना और एक्सपायर हो चुका खाना खाने से फूड पॉइजनिंग हो सकती है। फूड पॉइजनिंग होने पर आपको बुखार, मतली, उल्टी, कंपकंपी, दस्त, पेट दर्द की समस्या हो सकती है। यदि आप इस तरह की चीजों को घर पर स्टोर करके रखते हैं तो इन्हें एक्सपायर होने से पहले खा लें। पैक्ड फूड्स एक्सपायरी के साथ आते हैं और आपको इन्हें एक्सपायर होने से पहले खा लेना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इनमें प्रिजर्वेटिव होते हैं जो खाने को उस तारीख तक ही बचा कर रख सकते हैं। एक्सपायरी की तारीख के बाद खाना कई तरह के बैक्टीरिया के संपर्क में आ सकता है और खराब हो सकता है।

एक्सपर्ट व्यू: यह सीधे तौर पर धोखाधड़ी, खाद्य पदार्थ संरक्षण अधिनियम में भी अपराध

वरिष्ठ अधिवक्ता विजय तिवारी का कहना है कि यह गंभीर अपराध है। यदि किसी उत्पाद को एक्सपायर होने के बाद भी पैकेजिंग से छेड़छाड़ कर उसे बेचा जा रहा है तो यह सीधे तौर पर आईपीसी की धारा 420 का मामला है। इसके अलावा खाद पदार्थ संरक्षण अधिनियम के तहत भी यह अपराध है। इसमें उपभोक्ता फोरम में भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। इसके अलावा फूड इंस्पेक्टर सीधे इस पर कार्रवाई कर सकता है।

उसके लिए उसे कोर्ट की अनुमति लेने की भी आवश्यकता नहीं है। यदि इस तरह से एक्सपायरी डेट के साथ छेड़छाड़ की जा रही है तो खाद्य विभाग को कार्रवाई करना ही चाहिए। खाद्य विभाग भी कार्रवाई न कर जिले की 20 लाख जनता की स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। विजय तिवारी ने कहा कि खा़द्य विभाग द्वारा सैंपलिंग न किए जाने को लेकर मैंने वैधानिक सूचना पत्र भी संबंधित अधिकारियों को दिया है। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो फिर न्यायालय की शरण ली जाएगी।

इन पर है जिम्मेदारी, लेकिन रवैया है उदासीन

विष्णुदत्त शर्मा, फूड सेफ्टी आफिसर- जिलेभर की जिम्मेदारी इनके ऊपर है। समय-समय पर सैंपलिंग करना, मिलावट की जांच करना, खाद्य साग्रमी की गुणवत्ता आदि की जांच करना इनका दायित्व है। इस मामले में जब पक्ष जानने के लिए विष्णुदत्त शर्मा को कॉल किया गया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

आशुतोष मिश्रा, फूड इंस्पेक्टर: यह फूड सेफ्टी आफिसर के अधीन कार्य करते हैं और शहर में मिलावटी खाद्य पदार्थों का उपयोग रोकना उनकी भी जवाबदेही है। जब उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि हम नियमित रूप से निरीक्षण करते हैं। यदि इस तरह से उत्पाद छेड़छाड़ कर बेचे जा रहे हैं तो इसकी जांच करा लेते हैं। मैं टीम के साथ सभी जगहों का निरीक्षण करूंगा।
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