बदरवास। खबर जिले के बदरवास वन क्षेत्र के सीघाखेडी गांव से आ रही है। जहां बीते रोज एक मंदिर के पीछे एक काला हिरण मृत अवस्था में मिला है। इस मामले की सूचना ग्रामीणों ने फॉरेस्ट की टीम को दी। टीम मौके पर पहुंची और हिरण की लाश को पीएम के लिए भिजवाया। अब फॉरेस्ट की टीम मामले की जांच में जुट गई है।
ग्रामीण भरत सिंह यादव ने बताया है कि बीते रोज उन्हें सींघाखेडी बाडे वाले हनुमान मंदिर के पीछे एक काला हिरण मृत अवस्था में मिलने की सूचना फॉरेस्ट की टीम को दी। टीम मौके पर पहुंची और जाकर देखा तो हिरण को पीछे से किसी जंगली जीव ने हमला कर मारा है। ग्रामीणों ने बताया यह घटना जंगली तेंदुए द्वारा दी गई है।
ग्रामीण राजवीर यादव ने बताया है कि इससे पहले भी यह तेंदुआ गांव में दो भैंस के बछड़े का शिकार कर चुका है इसके साथ ही गांव के उदय भान सिंह पर भी यह हमला बोल चुका है। ग्रामीणों का कहना है कि वह अब डर डर कर जी रहे है। वह रात्रि में पटाखे चलाकर अपनी रातें गुजार रहे है। यह जानवर रात्रि में 8 बजे के बाद आता है। जिसके चलते अब गांव में डर का माहौल बना हुआ है।
ग्रामीणों का कहना है लगातार वन्य प्राणियों द्धारा लगातार हो रहे हमलों से पूरा गांव भयभीत है। रात्रि में लाइट का नंबर होने के बाद वह अपने बोर बंद करके घर बैठ रहे है। इनके हमले से भयभीत होकर वह बोर पर भी नहीं जा रहे है। अब भय इतना हो गया है कि रात्रि 8 बजे के बाद यह रोड भी बंद हो जाती है। लोग डर के चलते मंदिर भी नहीं जा रहे है।
इस मामले में एक्सपर्ट का कहना है कि जिस तरह से इस हिरण को मारा गया है वह तेदुआ ही मार सकता है। एक्सपर्ट की मानें तो हिरण तेज दौड़ता है और लकड़बग्घा इतनी तेजी से नहीं दौड़ सकता कि वह हिरण को पीछे से पकडकर उसका शिकार कर सके। अब जो भी हो फोरेस्ट की टीम मामले की जांच में जुट गई है।
इनका कहना है
कल हमारी टीम वहां पहुंची थी। ग्रामीणों ने जो हुलिया बताया है उसके अनुसार वह लकडबग्घा लग रहा है। हम मामले की जांच करा रहे है। हमारे इस क्षेत्र में तेदुआ नहीं हो सकता। फिर भी ग्रामीण कह रहे है तो हम पता लगा रहे है कि आखिर यह हमला तेदुआ कर रहा है या फिर लकडबग्घा।
शैलेन्द्र सिंह तोमर,रेंजर वन रेंज बदरवास।