शिवपुरी की 5 विधानसभा सीटों से 3 पर चुनाव से पूर्व भाजपा भाजपा पर लड़ेगी: 2 के टिकट पर तलवार- Shivpuri News

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शिवपुरी।
2023 के विधानसभा चुनाव में शिवपुरी जिले की 5 सीटों पर क्या स्थिति बनेगी, यह तो अभी निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता। लेकिन इसके पूर्व भाजपा में टिकट के लिए घमासान होने के पूरे आसार बन रहे हैं। जिले की पांच विधानसभा सीटों में से कोलारस, पोहरी और करैरा से सिंधिया समर्थक टिकट की मांग कर रहे हैं और ऐसा लग रहा है कि श्री सिंधिया भी उनकी पैरवी करेंगे।

तर्क यह है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में सिंधिया समर्थक करैरा और पोहरी सीटों पर विजयी हुए थे और कोलारस में सिंधिया समर्थक महेंद्र यादव हारे तो थे। लेकिन मामूली अंतर से। लेकिन इससे मूल भाजपाईयों में निराशा गहरा रही है।

अभी पोहरी विधानसभा क्षेत्र से सिंधिया समर्थक और कांग्रेस से भाजपा में आए लोक निर्माण राज्यमंत्री सुरेश राठखेड़ा विधायक हैं। जबकि उप चुनाव में करैरा से सिंधिया समर्थक जसवंत जाटव बुरी तरह पराजित हो गए थे। लेकिन इसके बाद भी उन्हें प्रदेश सरकार से राज्यमंत्री का दर्जा मिला हुआ है।

राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि कोलारस से तो सिंधिया समर्थक पूर्व विधायक महेंद्र सिंह यादव का टिकट पक्का माना जा रहा है और वर्तमान में भी प्रशासनिक हलकों में उनकी भाजपा विधायक वीरेंद्र रघुवंशी से अधिक पकड़ मानी जा रही है।

2018 के विधानसभा चुनाव में शिवपुरी जिले की विधानसभा सीटों पर कांग्रेस ने भाजपा की तुलना में बढ़त प्राप्त की थी। 5 सीटों में से 3 सीटों पोहरी, करैरा और पिछोर में कांग्रेस प्रत्याशी विजयी हुए थे। जबकि भाजपा शिवपुरी और कोलारस विधानसभा सीटों पर विजयी रही थी।

कोलारस में तो भाजपा प्रत्याशी वीरेंद्र रघुवंशी महज साढ़े 700 मतों से सिंधिया समर्थक महेंद्र सिंह यादव से विजयी हुए थे। शिवपुरी से चौथी बार भाजपा प्रत्याशी और प्रदेश सरकार की मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया लगभग 30 हजार मतों से विजयी होने में सफल रहीं थीं। सिंधिया के भाजपा में जाने के बाद उनके समर्थक विधायकों करैरा के जसवंत जाटव और पोहरी के सुरेश राठखेड़ा ने इस्तीफा देकर भाजपा टिकट से उप चुनाव लड़ा था।

लेकिन उपचुनाव में जसवंत जाटव पराजित हो गए थे। परंतु कुल मिलाकर भाजपा सीटों की संख्या दो से बढ़कर तीन हो गई थी। सिंधिया के भाजपा में आने के बाद टेबिल पर तो शिवपुरी जिले में भाजपा के लिए सब कुछ आसान दिख रहा है। लेकिन धरातल की सच्चाई कुछ और है।

उपचुनाव में अनुकूलता के बावजूद भी करैरा से भाजपा प्रत्याशी जसवंत जाटव की बुरी तरह से पराजय भाजपा के लिए चिंता का कारण बनी हुई है। इससे यह तो आभास हो रहा है कि 2023 में भाजपा के लिए उतना आसान नहीं रहने वाला जितनी कल्पना की जा रही है। लेकिन परिणाम से पूर्व भाजपा में टिकट के लिए भी घमासान होने के आसार बन रहे हैं।

सबसे पहले शिवपुरी की बात करते हैं तो यहां भाजपा टिकट के लिए यशोधरा राजे सिंधिया के समक्ष कोई चुनौती नहीं है और उनका टिकट तय माना जा रहा है। पिछोर में 1993 से लगातार भाजपा चुनाव हारती आ रही है। यह बात अलग है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी प्रीतम लोधी ने विजयी कांग्रेस प्रत्याशी केपी सिंह के दांत खट्टे कर दिए थे और हजारों मतों से जीतने वाले केपी सिंह उस चुनाव में सिर्फ ढ़ाई हजार मतों से जीतने में सफल रहे थे। जबकि उस चुनाव में कांग्रेस के पक्ष में वातावरण था।

सिक्के का दूसरा पहलू यह है कि केपी सिंह को चुनौती देने वाले प्रीतम लोधी अब भाजपा से निष्कासित हो चुके हैं। इस कारण भाजपा के लिए यहां टिकट का संकट है। पार्टी को ऐसा कोई मजबूत प्रत्याशी नहीं दिख रहा, जो केपी सिंह को चुनौती दे सके। हालांकि प्रदेश सरकार के कार्यालय मंत्री राघवेंद्र शर्माए पोहरी के पूर्व विधायक नरेंद्र बिरथरे अवश्य टिकट के दावेदार हैं। भाजपा को इस सीट पर विजयी प्रत्याशी चुनने के लिए कड़ी मशक्कत निश्चित रूप से करनी होगी। शिवपुरी और पिछोर के अलावा करैरा, पोहरी और कोलारस में भाजपा टिकट के लिए जबरदस्त घमासान होने के आसार हैं।

सर्जरी नहीं हुई तो पोहरी में भाजपा के लिए जीत मुश्किल

भाजपा ने शिवपुरी जिले की विधानसभा सीटों पर जो सर्वे कराया है, उसमें हर सर्वे में वर्तमान विधायक श्री राठखेड़ा को कमजोर बताया गया है। पार्टी और सीआईडी रिपोर्ट में विशेष रूप से टिप्पणी की गई है कि यदि इस क्षेत्र में टिकट का बदलाव नहीं हुआ तो भाजपा का चुनाव जीतना मुश्किल होगा। पार्टी हाईकमान को प्रेषित रिपोर्ट में अन्य दावेदारों की तुलना में श्री राठखेड़ा की उम्मीदवारी को अधिक कमजोर बताया गया है।

रिपोर्ट में उनके खिलाफ एंटी इनकंबेंसी फैक्टर और आरोपों का हवाला दिया गया है। श्री राठखेड़ा सिंधिया समर्थक हैं। वह 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में और 2020 में हुए उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी के रूप में जीत चुके हैं। उपचुनाव में उनकी जीत का कारण कांग्रेस प्रत्याशी से मतदाताओं की नाराजगी को माना गया था।

इसके बावजूद भी केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक को पोहरी से टिकट दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। इस विधानसभा क्षेत्र में प्रदेश सरकार की मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया समर्थक पूर्व विधायक प्रहलाद भारती भी टिकट की दौड़ में हैं।

वह 2008 और 2013 में लगातार इस क्षेत्र से चुनाव जीत चुके हैं। 2018 में पराजित होने के बाद वह क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहे हैं और उन्हें टिकट का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। भाजपा जिला महामंत्री पृथ्वीराज सिंह जादौन भी टिकट की दौड़ में हैं। यदि इस विधानसभा क्षेत्र में भाजपा टिकट के लिए अधिक घमासान हुआ तो पार्टी अपने किसी हैवीवेट उम्मीदवार को भी इस क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतार सकती है।

कोलारस में विधायक रघुवंशी के टिकट पर संकट के बादल

कोलारस विधानसभा क्षेत्र में भी सिंधिया के भाजपा में आने के बाद पार्टी टिकट के लिए जोरदार घमासान के आसार हैं। वर्तमान विधायक वीरेंद्र रघुवंशी किसी जमाने में भले ही सिंधिया समर्थक थे और सिंधिया ने ही उन्हें 2007 के विधानसभा उपचुनाव में शिवपुरी से जिताने में मुख्य भूमिका अदा की थी।
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लेकिन इसके बाद श्री रघुवंशी की सिंधिया से नाराजी बढ़ी और उनसे नाराजी के परिणाम स्वरूप ही वह भाजपा में आए और पिछले विधानसभा चुनाव में सिंधिया समर्थक महेंद्र यादव से कोलारस में मामूली बहुमत से विजयी हुए। सिंधिया के भाजपा में आने के बाद महेंद्र यादव का अपने विधानसभा क्षेत्र में दबदबा बढ़ा है और विधायक विरोधी भाजपाई उनके खैमे में शामिल होकर विधायक रघुवंशी को लगातार चुनौती दे रहे हैं। पूर्व विधायक देवेंद्र जैन और महेंद्र यादव का समन्वय विधायक रघुवंशी को परेशान कर रहा है। इस क्षेत्र में भी भाजपा के लिए जीतने योग्य प्रत्याशी चुनना आसान नहीं होगा।

करैरा में टिकट के लिए होगा जोरदार घमासान

करैरा उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी प्रागीलाल विजयी रहे थे, जिन्होंने भाजपा प्रत्याशी जसवंत जाटव को एकतरफा मुकाबले में पराजित किया था। श्री जाटव केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरात्य सिंधिया के समर्थक हैं। 2023 के विधानसभा चुनाव में सिंधिया लॉबी उनके टिकट के लिए काफी जोर लगाएगी।

यशोधरा राजे समर्थक रमेश खटीक भी टिकट के दावेदार हैं और उनकी छवि तुलनात्मक रूप से जसवंत जाटव से अधिक अच्छी है। इन दोनों के अलावा भी करैरा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा टिकट के लिए एक लंबी लाइन है।
अशोक कोचेटा,वरिष्ठ पत्रकार’ शिवपुरी
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