एक मात्र डॉक्टर के भरोसे 30 हजार की आबादी, ग्रामीण क्षेत्रों में भगवान भरोसे इंसान- Shivpuri News

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अतुल जैन, बामोरकलां। शिवपुरी जिले की पिछोर अनुविभाग की अंतिम पंचायत बामौरकलां जो शिवपुरी जिले की सबसे बडी पंचायत हैं,इस पंचायत की आबादी लगभग 11 हजार है और इस पंचायत में 6 हजार से अधिक मतदाता हैं। इस क्षेत्र में एक मात्र सरकारी अस्पताल हैं। इस अस्पताल के भरोसे इस क्षेत्र के लगभग 30 गांव है। लेकिन अस्पताल भवन है परंतु इलाज की सुविधा के लिए डॉक्टर नहीं हैं। कुछ दिन पूर्व ही यहां एक डॉक्टर की पदस्थापना हुई। उससे पूर्व 8 माह तक यह अस्पताल नर्सों के भरोसे चल रहा था। फिलहाल यह अस्पताल 30 गांव का लोड किए हैं और डॉक्टर की संख्या एक हैं,जो काफी कम हैं।

जैसा कि विदित है कि जिले की सबसे बडी पंचायत बामौरकलां की आबादी ओर आस पास के जुड़े लगभग 25 गांव के लोगों के लिए इलाज भगवान भरोसे चल हैं। अस्पताल में डॉक्टर के नाम पर एक डॉक्टर रजामंहदी खान है जो अभी कुछ दिन पूर्व ही पदस्थ हुए हैं इससे पूर्व यह अस्पताल 8 माह तक बिना डॉक्टर के ही चल रहा था। अस्पताल में एक डॉक्टर पदस्थ है वह भी मीटिंग,शासन की अन्य योजनाओं जो संचालित हो रही हैं उनके काम से जिस दिन बहार गए उस दिन किसी भी मरीज का जान पर संकट आ सकता हैं।

आबादी के हिसाब से अन्य सुविधाएं आवश्यक

बामौरकलां पचांयत के साथ इस अस्पताल पर निर्भर लगभग 25 हजार लोग हैं। इस लिहाज से यह अन्य सुविधाएं बढ़ाई जानी चाहिए। मौसमी बीमारी के अतिरिक्त,बुखार से संबंधित रोग जैसे मलेरिया टाइफाइड और अन्य बीमारी जो जांच के बाद ही क्लीयर होती हैं। इतनी बड़ी आबादी के लिए यह कोई जांच लैब और लैब टेक्नीशियन नही है। इस कारण जनमानस को प्राइवेट जांच केन्द्रों के भरोसे रहना पडता हैं और इस क्षेत्र की जांच लैब भी अपने निर्धारित मापदंड के अनुरूप नहीं हैं। इसके अतिरिक्त यहां एक फार्मासिस्ट की कमी भी महसूस की जाती हैं।

महिला डॉक्टर ना होने से महिलाएं काफी परेशान

इस अस्पताल में महिला डॉक्टर ने होने के कारण इस क्षेत्र की महिलाओं को काफी परेशानी है। महिला रोगों के लिए बाहर जाना पड़ता है साथ में डिलेवरी वाले केस में बहुत परेशानी का सामना करना पडता हैं। अचानक प्रसूता का प्रसव होना है और प्रसव में परेशानी होती हैं महिला डॉक्टर न होने कारण खनियाधाना या पिछोर ले जाना पड़ता है इलाज में देरी हो जाने के कारण कई बार प्रसूता की जान भी चली गई हैं।

इनका कहना हैं।
बामौरकलां स्वास्थ्य केंद्र पर आबादी के हिसाब से एक डॉक्टर की संख्या कम हैं। इस अस्पताल पर क्योंकि हमारी अस्पताल से लगभग 30 से ज्यादा ग्राम और पुरबा लगते है सभी ग्रामीण बहुत परेशान रहते।
कृष्णकांत दुबे,मण्डल-अध्यक्ष ब्लॉक कांग्रेस बामौर कलाँ

बामौर कलाँ में एक फार्मासिस्ट,लैब टेक्नीशियन व पीएम हाउस की व्यवस्था हो जाए
लक्ष्मी आदिवासी,सरपंच ग्राम पंचायत बामौर कलाँ
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