शिवपुरी। यदि आंतरिक विशुद्धि को बढ़ाना है तो आप को धर्म के 10 लक्षणों को अंगीकार करना होगा। 10 लक्षण पर्व के यह धर्म हमें जीवन में शुचिता लाने की प्रेरणा देते हैं। इसलिए वर्ष भर यदि हम धर्म कार्यों से दूर रहे तो यह 10 दिन हमें जीवन की श्रेष्ठता लाने वाले पर्व साबित होते हैं। इन 10 दिनों में यदि धर्म को समझ लिया और उन्हें जीवन में अंगीकार कर लिया तो फिर आप ही मोक्ष मार्ग की ओर बढ़ सकते हैं।
यह बात छतरी जैन मंदिर पर आयोजित हुई धर्मसभा को संबोधित करते हुए जैन मुनि सुप्रभ सागर महाराज ने कही। उन्होंने कहा कि जब तक हम धर्म के मर्म को नहीं समझेंगे तब तक हम जीवन को श्रेष्ठ कैसे बनाएंगे। पर्वाधिराज पर्युषण पर्व की आराधना इसलिए की जाती है ताकि हम 10 धर्मों की आराधना करते हुए अपने जीवन को श्रेष्ठता के मार्ग पर ले जा सके। प्रतिदिन 10 दिनों तक यदि हम इन धर्मों की आराधना करते हुए तदनुरूप आचरण करते रहे तो फिर जीवन बहुत सरल बन जाएगा।
जिनालय पर होंगे कार्यक्रम
महावीर जिनालय पर सांगानेर से विद्वान पंडित सम्यक शास्त्री आए हैं। जो प्रतिदिन रात 8 बजे से 9 बजे तक धर्म के 10 पर्व पर प्रवचन देंगे। इसी तरह छतरी जैन मंदिर पर सुबह 6:30 बजे से भगवान की शांतिधारा और अभिषेक प्रक्रिया प्रारंभ होगी। 8 बजे तत्वार्थ सूत्र का वाचन होगा। फिर 8:30 बजे से प्रतिदिन 10 दिनों तक जैन मुनि सुप्रभ सागर और मुनि घर से सागर महाराज के प्रवचन होंगे।
दोपहर 3:30 बजे से तत्वार्थ सूत्र का वाचन होगा। और सायंकाल 6:15 बजे से सामायिक प्रतिक्रमण की क्रिया होगी। 7:30 बजे से महा आरती और 10 धर्म पर प्रवचन के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा। कुछ इसी तरह की धर्म प्रक्रिया है चंद्रप्रभु जिनालय, आदिनाथ जिनालय और अन्य जिनालय पर भी की जाएगी।