बस्ते के बोझ तले बचपन: स्कूल बैग पॉलिसी 2020 के संबंध में अब तक कोई कदम क्यों नहीं उठाये- Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। जन उपयोगी सेवाओं की लोक अदालत शिवपुरी की प्रभारी अधिकारी एवं जिला न्यायाधीश तथा सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शिवपुरी श्रीमती अर्चना सिंह ने विषय ''बस्ते के बोझ तले बचपन'' की संवेदनशीलता को देखते हुए शिक्षा के नाम पर मासूम बचपन के साथ होने वाले खिलवाड़ को रोकने के लिये आज जिला न्यायालय के सभाकक्ष में आयोजित की गई।

बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी संजय श्रीवास्तव एवं प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक ठाकुर एवं राजकुमार शर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर की मंशा अनुरूप एवं भारत सरकार मानव संशासन विकास मंत्रालय द्वारा जारी स्कूल बैग पॉलिसी 2020 का कठोरता से पालन कराये जाने हेतु चर्चा की मीटिंग में श्रीमती सिंह ने वर्तमान में शासकीय व प्राइवेट स्कूल द्वारा स्कूल बैग के संबंध में किन मानकों के तहत स्कूल प्रशासन काम कर रहा है एवं स्कूल बैग पॉलिसी 2020 के संबंध में वर्तमान में अब तक कोई कदम क्यों नहीं उठाये गये संबंध में चर्चा की।

श्रीमती सिंह ने कहा कि शिक्षा के नाम पर बच्चों के बचपन को स्कूल बैग के बोझ के तले नहीं दबाया जा सकता है। सामान्यतः देखा जा रहा है कि बच्चा सुबह 06 बजे घर से निकलकर दोपहर 2 से 3 बजे तक स्कूल में रहता है। अपने बजन से कई गुना कॉपी पुस्तकों के वजन को ढोता है और घर आने पर बदहाल अवस्था में न खाने की सुध न सोने की सुध रहती है। लगता है कि चमकीली और महंगी शिक्षा के नाम पर बच्चों के मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है व उनकी सुकुमार अवस्था का शोषण हो रहा है।

स्कूल शिक्षा विषय विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 की धारा 22ए(बी) के अनुसार जन उपयोगी सेवाओं का विषय है परिणाम स्वरूप समस्त शासकीय व प्राइवेट स्कूलों को तत्काल में भारत सरकार मानव संशासन विकास मंत्रालय द्वारा जारी स्कूल बैग पॉलिसी 2020 का पालन सुनिश्चित कराने हेतु आवश्यक सक्षम प्रयास कराने के निर्देश दिये गए। जिससे की बालक अपने भविष्य हेतु आवश्यक शिक्षा प्राप्त करते हुए अपने खूबसूरत बचपन को भी जी सके।
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