Shivpuri News- शक्तिशाली सोम के आगे वन विभाग ने घुटने टेके, बदल गए सारे नियम कायदे और कानून

Bhopal Samachar
शेखर यादव @ शिवपुरी। शराब निर्माता और शराब विक्रेता कंपनी कितनी शक्तिशाली होती हैं इसका जीता जागता उदाहरण शिवपुरी में मिलता है। शिवपुरी जिले की आधी से अधिक दुकानों को के ठेके लेने वाली सोम कंपनी के सामने वन विभाग ने घुटने टेक दिए हैं वन विभाग की ताकत इस कंपनी के आगे बौनी पड़ गई और विभाग के सारे नियम कायदे कानून भी गिरवी रखे हो गए।

पहले समझे क्या हैं मामला

गुना बाईपास से लेकर चिंकारा तक वनभूमि हैं,इस वन भूमि पर भोपाल की सोम कंपनी ने अपना शराब का शोरूम खोल लिया। अगर भारत सरकार के नियमों को समझें तो वन भूमि पर किसी भी प्रकार की कमर्शियल एक्टिविटी नहीं कर सकते,यहां तक अनाधिकृत प्रवेश भी वर्जित हैं,लेकिन यहां हाइवे के किनारे स्थित वन भूमि पर शराब का शोरूम तान दिया। लगातार इस मामले को मीडिया उठा रही हैं लेकिन आज दिनांक तक वन भूमि इस सोम कंपनी से मुक्त नही हो सकी।

सोम शक्तिशाली:प्रत्यक्ष प्रमाणित मामला

मीडिया इस मामले को लगातार उठा रही थी,इस कारण वर्तमान शिवपुरी रेंजर गोपाल जाटव ने सोम कंपनी को अतिक्रमण को लेकर नोटिस दिया था। लेकिन शराब का शोरूम नही हटा लेकिन रेंजर अवश्य हट गए। रेजंर गोपाल जाटव को क्यों हटाया गया,यह ठोस जबाब विभाग के किसी अधिकारी ने पास नही था। सरकारी भाषा में सरकारी अधिकारी जवाब दे रहे थे कि प्रभार मुक्त किया हैं,लेकिन यह नही बता रहे थे कि गोपाल जाटव पर अगर शिवपुरी रेंज का प्रभार था तो वह किसी रेंज क्षेत्र के रेंजर थे। कुल मिलाकर शक्तिशाली सोम को नोटिस देना रेंजर गोपाल जाटव को महंगा पड गया।

शक्तिशाली सोम:वन अपराध कायम,लेकिन जांच एक साल तक चलेगी

निरअपराध रेंजर गोपाल जाटव को शिवपुरी रेंज वनपरिक्षेत्र से मुक्त कर दिया गया इसके बाद बबाल मचा तो वन विभाग शिवपुरी ने लगभग 15 दिन पूर्व सोम कंपनी पर वन अपराध कायम करते हुए जांच शुरू कर दी।


इसी मामले को लेकर शिवपुरी रेंज के डिप्टी रेंजर आशु समाधिया से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि इस अतिक्रमण के मामले में वन अपराध कायम कर लिया गया हैं और जांच चल रही है। मीडिया ने सवाल किया कि जांच कितने दिन में होगी,डिप्टी रेंजर ने बेतुका बयान दिया जांच चल रही हैं एक साल तक भी चल सकती है।

पवारफुल सोम:शोरूम का ठेका एक साल और जांच भी एक साल

अगर डिप्टी रेंजर की कही बात पर गौर किया जाए तो इस अतिक्रमण के मामले की जांच एक साल तक भी चल सकती हैं,और इसको कालातीत प्रकरण भी घोषित किया जा सकता है। सीधा सा अर्थ है कि शराब के ठेके एक साल के होते हैं और यह दुकान एक साल तक वन भूमि की शोभा बढ़ाती रहेगी,और जांच पूरे एक साल तक चलती रहेगी।

सोम का जलवा:वन विभाग के नियम रखे हो गए गिरवी

सोम कंपनी के आगे वन विभाग को अपने कायदे कानून गिरवी रखे हो गए हैं। नियमानुसार अगर कोई व्यक्ति वन भूमि पर अतिक्रमण करता हैं तो उसके खिलाफ वन अपराध कायम कर जांच को 15 दिन मे पूरी करनी होती हैं उसके बाद धारा 80ए के तहत नोटिस देकर बेदखली की कार्यवाही की जाती हैं। अब यह समझ में नही आ रहा है कि वन विभाग को अपनी ही भूमि चिन्हित करने के लिए सालो लग जाऐगे। वन विभाग की भूमि हैं इस कारण ही विभाग ने वन अपराध दर्ज किया है,बात सीधी सी हैं कि सोम कंपनी के सामने वन विभाग के नियम गिरवी रखे हो गए।

डीएफओ मैडम ने नही उठाया फोन

वन भूमि में शराब का शोरूम यह जानकारी जिले के सभी अधिकारियों को है। एक माह पूर्व जब इस मामले में डीएफओ शिवपुरी मीना कुमारी से बात की गई तो उन्होने कहा कि जल्द ही वनभूमि को अतिक्रण से मुक्त करा लिया जाएगा,लेकिन सोम कंपनी की शक्ति के आगे डीएफओ मेडम की पावर भी कम पड रही है। करंट स्टेटस पर प्रतिक्रिया जानने के लिए डीएफओ मैडम का कॉल किया तो संपर्क नही हो सका प्रतिक्रिया के लिए टेक्स्ट मैसेज किया गया है जबाब आते ही प्रकाशित कर दिया जाएगा
G-W2F7VGPV5M