विश्व पर्यावरण दिवस: कपड़े से बने झोले बांटकर गांव को पॉलिथीन मुक्त करने की अपील, पर्यावरण के प्रति किया जागरूक- Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। हर साल आज यानी 5 जून को 'विश्व पर्यावरण दिवस' के रूप में मनाया जाता है। आज के औद्योगीकरण के दौर में पर्यावरण के बारे में सोचना बेहद ज़रूरी है, क्योंकि पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की वजह से पर्यावरण को पिछले कुछ दशकों में काफी नुकसान हुआ है। इसकी वजह से अब दुनियाभर के इको सिस्‍टम में तेजी से बदलाव देखने को मिल रहे हैं। पर्यावरण को सुरक्षा प्रदान करने का संकल्प लेने के उद्देश्य से ही हर साल विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। आज पर्यावरण का बिगड़ता संतुलन और बढ़ते प्रदूषण से पूरी दुनिया जूझ रही है। इन गंभीर समस्‍याओं से उबरने का एकमात्र उपाय दुनियाभर के पर्यावरण को हरा भरा बनाना है।

ये तभी संभव है जब लोग पेड़ों के संरक्षण के प्रति जागरूक हों। इसी जरूरत को देखते हुए शक्तिशाली महिला संगठन और ब्रिटानिया न्यूट्रिशन फाउंडेशन ने संयुक्त रूप से चीटोरी खुर्द गांव में प्लास्टिक की जगह गांव की किशोरी बालिकाओं द्वारा पुराने कपड़े से बने झोले बनाए।

120 झोले गांव में घर-घर जाकर वितरित किए। साथ ही हर घर में कम से कम 5 पौधे लगाने की शुरूआत की। अधिक जानकारी देते हुए कार्यक्रम संयोजक रवि गोयल ने बताया कि विश्‍व पर्यावरण दिवस को लेकर संस्था ने 4 जून से ही गतिविधियां आरंभ कर दी। आज 5 जून को संस्था की पूरी टीम ने गांव को पॉलिथिन मुक्त किया। घर-घर जाकर गांव में ही निर्मित कपड़े के सुंदर थैले ग्रामीणों को वितरित किए।

प्रोग्राम में मुख्य अतिथि स्वच्छ भारत मिशन के संभागीय समन्वयक अतुल त्रिवेदी ने कहा कि इस बार विश्व पर्यावरण दिवस 2022 की थीम है, 'ओन्ली वन अर्थ' मतलब 'केवल एक पृथ्वी' है विश्व पर्यावरण दिवस' मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनियाभर में लोगों के बीच पर्यावरण प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, ग्रीन हाउस के प्रभाव, ग्लोबल वार्मिंग, ब्लैक होल इफेक्ट जैसे ज्वलंत मुद्दों और इनसे होने वाली विभिन्न समस्याओं के प्रति सामान्य लोगों को जागरूक करना है। पर्यावरण की रक्षा के लिए उन्हें हर संभव प्रेरित करना है।