पिछोर में करगिल के फौजी की आंखें फोड़ कर जिंदा जलाया, दूसरे दिन पर्चा भरने वाला था- Shivpuri news

Bhopal Samachar
पिछोर। जिले के पिछोर विधानसभा मे आने वाले बामौरकलां थाना क्षेत्र के झलकुई के जंगल में रविवार को पुलिस को रिटायर्ड फौजी की लाश मिली थी। फौजी की हत्या करने के पहले फौजी के साथ बर्बरता बरती गई। फौजी चुनाव की तैयारी कर रहा था,फौजी को पेट्रोल डालकर जलाया गया,उसकी आंखे निकाल ली गई इतना नही फौजी के घर में चोरी की वारदात को भी अंजाम दिया गया। पुलिस ने इस मामले रामवीर यादव को राउंडअप किया है।

1 जून से गायब था फौजी: 5 जून को मिली लाश

बामौरकलां निवासी कारगिल विजेता रिटायर्ड फौजी बृजमोहन पुत्र चोखे लाल शर्मा उम्र 55 साल अपने घर से 1 जून के बाद से लापता चल रहे थे। बृजमोहन के भाई सुरेश तिवारी ने उनकी गुमशुदगी थाने में दर्ज करवाई थी। इसी क्रम में 5 जून को उनकी लाश झलकुई के जंगल में फॉरेस्ट की जमीन पर भैय्या लाल यादव के खेत में बने कुएं में उतराती मिली थी। जघन्य हत्याकांड के इस मामले में पुलिस ने लाश बरामद करने के बाद मृतक का पीएम करवा कर अंतिम संस्कार करवाया और मामले की जांच शुरू की।

बेटे ने घर खोला तो पता चला भी हुई है

फौजी बृजमोहन की मौत के बाद इंदौर के मालवी नगर में रहने वाले उनके बेटे व पत्नी गांव आए तो उनके लिए मकान का ताला पुलिस की मौजूदगी में तुड़वाया गया। मकान का ताला तोड़कर जब अंदर से मकान को देखा तो पता चला कि घर के अंदर सारे बक्शे आदि बिखरे पड़े हुए थे। इससे पुलिस को ऐसा लगा कि मृतक की हत्या के पूर्व या बाद में घर में चोरी की वारदात को भी अंजाम दिया गया है।

रामवीर यादव राउंडअप: चोरी स्वीकारी लेकिन हत्या नही

पुलिस ने बेहद गंभीरता बरतते हुए अपने मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया। ग्रामीण सूत्रों की मानें तो पुलिस को किसी बताया कि बृजमोहन को आखिरी बार पिपरई गांव के रामवीर यादव के साथ देखा गया था। पुलिस ने पूछताछ के लिए रामवीर को बुलाया तो रामवीर घर से गायब था। रामवीर की तलाश कर उसे अशोकनगर जिले से राउंडअप किया। सूत्र बता रहे हैं कि पुलिस ने जब रामवीर यादव से पूछताछ की तो वह टूट गया और उसने चोरी करने की बात तो स्वीकार कर ली है, लेकिन हत्या की बात से इंकार कर रहा है। माना जा रहा है कि सब कुछ सही रहा तो पुलिस जल्द से जल्द इस हत्याकांड का खुलासा कर देगी।

राजनैतिक षड़यंत्र: चुनाव लडने का फार्म भरने जा रहा थे मृतक

सूत्र बताते हैं कि 1 जून को बृजमोहन शर्मा अपने गांव नदावन अपने स्वजनों को नाम निर्देशन पत्र भरने का निमंत्रण देने गए थे। अगले दिन उन्हें फार्म भरना था। बृजमोहन की इस बार चुनावी की अच्छी तैयारी थी, क्योंकि उन्होंने इससे पूर्व भी जिला पंचायत सदस्य के लिए फार्म भरा था लेकिन चुनाव कैंसिल हो गया था। ऐसे में हत्या का षड़यंत्र करने वाले काफी भयभीत थे। अगर बृजमोहन चुनाव मैदान में आ जाते तो उनके सिर पर हार का खतरा बना हुआ था।

ऐसे में उन्हें बृजमोहन को चुनाव मैदान से बाहर करने के लिए उसकी हत्या करवाना जरूरी था। जानकार बताते हैं कि अगर बृजमोहन नाम निर्देशन पत्र भर देता और उसके बाद उसकी हत्या होती तो चुनाव कैंसिल हो जाता। यही कारण रहा कि उसके विरोधियों को जब यह पता लगा कि बृजमोहन 2 जून को फार्म भरने वाला है तो उन्होंने निर्धारित रणनीति के तहत रामवीर के माध्यम से उसे बुलाकर उसकी हत्या कर दी।

लाखों रुपये की हो सकती है चोरी

बृजमोहन लंबे समय से चुनाव की तैयारी कर रहे थे। यही कारण था कि उन्होंने घर में बड़ी मात्रा में कैश एकत्रित करके रखा हुआ था। यह बात उन्होंने गांव में अपने कई दोस्तों को बता रखी थी। बताया तो यहां तक जा रहा है कि रामवीर यादव घटना से पहले एक रात बृजमोहन के घर पर रूका भी था। ऐसे में उसे हर बात की बारीकी से जानकारी थी कि बृजमोहन के पास कितना पैसा, सोना आदि घर में रखा हुआ है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि चोरी की यह वारदात लाखों रुपये की हो सकती है।

मृतक का एटीएम भी गायब

बृजमोहन के बैंक खाते का एक एटीएम भी था। वह एटीएम भी न तो घर में मिला है और न ही घटनास्थल पर मिला है। ऐसे में आशंका है कि हत्यारों ने बृजमोहन का एटीएम और उसका पासवर्ड भी उससे मारपीट कर ले लिया हो और एटीएम से भी पैसे निकाल लिए हों।