शिवपुरी। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने निकाय चुनाव में अपनी रणनीति बनाते हुए नई गाइड लाइन जारी की हैं कि टिकट उसी व्यक्ति को मिलेगा जो उस वार्ड का मतदाता भी हो। इससे उम्मीदवारों की लाइन लेंथ बिगड़ गई। किसी दूसरे वार्ड की राजनीति की पिच पर बल्लेबाजी करने वाले उम्मीदवार अब हिट विकेट हो गए है। इससे पूर्व आरक्षण की प्रक्रिया के चलते कई नेताओं के पैरो के नीचे से जमीन सरक चुकी है। अब इस नई गाइड लाइन ने उनकी फिर लाइन बिगाड़ दी है।
अब इन नए निर्देशों का पालन हुआ तो कई नेताओं को चुनाव लड़ने की उम्मीद ही छोड़ना पड़ेगी। ऐसे में कांग्रेस के सामने भी मजबूत प्रत्याशी उतारने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा। पहले ही पार्टी का नेतृत्व टिकट वितरण के लिए आरोपों का सामना कर रहा है। वहीं भाजपा में टिकट के दावेदारों की बाढ़ सी आ गई है। एक वार्ड में औसतन 10 से भी अधिक प्रत्याशी हैं। 30 वार्डों के लिए 450 से भी ज्यादा दावेदारों ने बायोडेटा भेजकर टिकट मांगा है।
नई गाइड लाइन से इन नेताओ की बिगडी लाइन
एनएसयूआइ अध्यक्ष पुनीत शर्मा वार्ड क्रमांक 10 से टिकट मांग रहे थे और यह अध्यक्ष होने के कारण लगभग फाइनल भी था। वे वार्ड 19 के मतदाता हैं इसलिए 10 से चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। यही स्थिति पूर्व उपाध्यक्ष अनिल शर्मा अन्नाी के साथ बन रही है। वह वार्ड 11 से टिकट मांग रहे थे, लेकिन मतदाता दूसरे वार्ड के हैं। महिला कांग्रेस अध्यक्ष इंदु जैन ने पहले वार्ड तीन से टिकट मांगा और फिर वार्ड सात में चली गईं। इसके बाद फिर वार्ड तीन से टिकट मांग रही थीं। उनको भी टिकट मिलना लगभग तय था, लेकिन उनके साथ भी इस वार्ड की मतदाता न होने का पेंच फंस जाएगा।
कांग्रेस में अध्यक्ष के उम्मीदवार का चयन भी चुनौती
कांग्रेस के लिए अध्यक्ष पद का उम्मीदवार ढ़ूंढना भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। अभी तक जो नाम चर्चा में आ रहे थे उन्होंने चुनाव लड़ने से ही मना कर दिया है। कांग्रेस से जुड़े लोगों की मानें तो शहर अध्यक्ष मोहित अग्रवाल ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया है। वहीं अध्यक्ष पद के दावेदार माने जा रहे नरेंद्र जैन भोला के भी चुनाव न लड़ने की चर्चा है। जिनेश जैन पहले ही यह घोषणा कर चुके हैं कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे। यदि ऐसी ही स्थिति रही तो कांग्रेस भाजपा को वाकओवर दे देगी।