फिर बदली सरकार: अब नपा अध्यक्ष और नपं अध्यक्ष का चुनाव पार्षद करेंगे, अध्यादेश पर राज्यपाल ने लगाई मोहर - Shivpuri News

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शिवपुरी।
प्रदेश की भाजपा सरकार नगरीय निकाय में महापौर, नपाध्यक्ष और नगर पंचायत अध्यक्ष का चुनाव कैसे हो, इस पर लगातार अपनी राय बदल रही है। अब बताया जाता है कि अंतिम रूप से यह तय हो गया है कि नगर निगम में महापौर पद का चुनाव जनता द्वारा किया जाएगा। जबकि नगर पालिका और नगर परिषद में अध्यक्ष पद का चुनाव निर्वाचित पार्षद करेंगे।

इसे लेकर आज मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल से मिले और यह अध्यादेश उन्हें सौंपा। जिस पर राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने अंतिम मुहर लगा दी है। जल्द ही अब राजपत्र पर यह संशोधन पास होकर चुनाव आयोग के पास पहुंच जाएगा।

विदिज हो कि नगरीय निकाय चुनाव के बारे में तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने फैसला लिया था कि महापौर और अध्यक्ष के चुनाव अप्रत्यक्ष पद्धति से किए जाएंगे। लेकिन भाजपा के सत्ता में आते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस फैसले को बदल दिया और मेयर तथा अध्यक्ष के चुनाव जनता द्वारा कराए जाने का अध्यादेश राजभवन को भी भेज दिया। लेकिन सरकार ने विधायकों और संगठन के दबाव में इस अध्यादेश की विधानसभा में पुष्टि नहीं की।

जिससे सरकार की मंशा क्या है यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो पाई। वर्तमान में नगरीय निकाय के चुनाव की चर्चाएं जब चलने लगी तब पता चला कि सरकार ने उस अध्यादेश के ड्राफ्ट को वापिस राजभवन से बुलवा लिया, जिसमें प्रत्यक्ष पद्धति से चुनाव कराने की बात कही गई थी। इससे अप्रत्यक्ष पद्धति से चुनाव की अटकलें जोर पकड़ने लगी। भाजपा में भी इस बारे में एक राय नहीं बन पाई।

पूर्व गृह मंत्री और ग्वालियर सांसद विवेक शेजवलकर ने महापौर और अध्यक्ष के चुनाव जनता द्वारा कराए जाने की पैरवी की। इसके बाद चर्चाएं चलने लगी कि मेयर और अध्यक्ष के चुनाव जनता द्वारा ही सम्पन्न होंगे। परंतु गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बयान दिया कि अभी इस संबंध में कोई फैसला नहीं हुआ है और ताजा खबर यह है कि मेयर के चुनाव जनता द्वारा किए जाएंगे। जबकि नगर पालिका अध्यक्ष और नगर पंचायत अध्यक्ष के चुनाव निर्वाचित पार्षद करेंगे।

इस फैसले को लेकर शिवपुरी में शोसल मीडिया पर लोग भाजपा सरकार को घेर रहे है। शोसल मीडिया पर समाजसेवी अवदेश शिवहरे ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि सरकार की मंशा समझ से परे है। परंतु इस तरह से चुनाव कराना कहा तक सही है। जनता अपना प्रतिनिधि भी चुनने में सक्षम नहीं है। तो ऐसी सरकार का क्या मतलब। इसके साथ ही कई लोग पार्षदों की बल्ले बल्ले,25 25 में बिकना तय सहित कई पोस्ट करके इस आदेश पर अपना विरोध कर रहे है।

शिवपुरी में 1 नगर पालिका और 6 नगर पंचायत पर होना है चुनाव

शिवपुरी की अगर बात करे तो शिवपुरी में अब 1 नगर पालिका परिषद शिवपुरी और 6 नपं पर चुनाव होना है। जिसमें शिवपुरी नगर पालिका में अध्यक्ष पद का चुनाव पार्षदों द्धार ही होगा। साथ ही नगर पंचायत बैराड़,कोलारस,बदरवास,पिछोर,खनियाधाना,करैरा पर नगर पंचायत का चुनाव होना है। जिसमें इन सातों स्थानों पर नए अध्यादेश के बाद अप्रत्यक्ष तौर पर अध्यक्ष का चुनाव पार्षद करेगे। बताया जा रहा है कि शिवपुरी में तीन नई नगर पंचायत घोषित की है। परंतु इन पर चुनाव को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। प्रशासन ने महज 2019 के आदेशानुसार इन नगर पंचायतों में आरक्षण की प्रक्रिया भी स्पष्ठ नहीं की। जिसे लेकर कयास लगाए जा रहे है कि इन तीनों नगर पंचायत पोहरी,रन्नौद और मगरौनी के चुनाव के लिए अभी इंतजार करना होगा।
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