आस्था का जनसैलाब:जंगल में मंगल, हजारों भक्त सड़कों पर मां के द्वार, रेंग रहे हैं वाहन - Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। कोरोना महामारी के चलते दो वर्ष तक मंदिरों पर दर्शनों और धार्मिक मेलों पर रेाक के बाद इस वर्ष जैसे ही पाबंदियां हटी वैसे ही नवरात्रि सहित अन्य त्यौहारों पर लोगों का उत्साह दोगुना हो गया। नवरात्रि पर शहर से 38 किमी दूर भयावन जंगल में बिराजी मां बलारी के दरबार में परम्परागत मेले के चलते वहां आस्था का सैलाव उमड़ पड़ा।

लाखों की संख्या में भक्त मां के दर्शनों के लिए पहुंचे। मां के दरबार तक पहुंचने के लिए वाहनों के साथ-साथ भक्त पैदल यात्रा कर मंदिर तक पहुंचे। इस दौरान झांसी रोड़ और झांसी हाईवे पर पैदल यात्रियों की टोलियां नजर आई। वहीं वाहनों से भी भक्त मां के दर्शनों के लिए पहुंचे। जहां जगह-जगह भीड़ के कारण जाम लगा रहा। कई वाहन सवार भक्त जाम के कारण मंदिर तक नहीं पहुंच सके तो वह रास्ते से ही वापिस लौट आए। इस दौरान पैदल और वाहनों से जाने वाले भक्तों के लिए जगह-जगह समाजसेवियों द्वारा भंडारे चलाए गए। उन्हें शीतल पेयजल भी उपलब्ध कराया।

तीन दिवसीय चलने वाले बलारपुर मेले की तैयारी प्रशासन ने पूर्व में ही पूर्ण कर ली थी और प्रशासन को अनदेशा था कि इस बार भक्तों की संख्या भी काफी बढ़ेगी। जिसे देखते हुए सारी व्यवस्थाएं की गई थीं। गुरूवार को मेले के दूसरे दिन लोगों की आस्था ऐसी उमडी की मंदिर प्रांगण से लेकर पूरा हाईवे जाम हो गया। शिवपुरी सहित पोहरी, कोलारस, बैराड़, सतनवाड़ा, नरवर, बदरवास सहित पूरे जिले और आसपास के जिलों से भक्त मां के दर्शनों के लिए निकल पड़े।

भक्तों की टोलियां डीजे पर थिरकती हुईं मां के दरबार तक पहुंची। हालात यह हो गए कि रात में डीजे और भक्तों की टोलियों से शहर के पूरे रास्ते पट गए। झांसी रोड दो बत्ती चौराहा से करबला तक का सारा रास्ता जाम हो गया। यह स्थिति बलारपुर मंदिर तक बनी रही। चारों ओर सिर्फ नरमुंड ही नरमुंड दिखाई दे रहे थे।

पैदल यात्रियों की भीड़ के कारण वाहन भी सड़कों पर रेंगते हुए दिखे और 1 घंटे का सफर तीन-तीन, चार-चार घंटे में पूरा कर सके। रातभर झांसी हाईवे पर भीड़ लगी रही। आज दोपहर में भी भक्तों की भीड़ मां के दरबार तक जाती दिखाई दी। आज शाम को नेजे चढऩे के साथ ही मेले का समापन किया जाएगा। लेकिन उससे पूर्व वहां भीड़ छटने का नाम नहीं ले रही है। लोगों के अंदर आस्था ऐसी है कि हर कोई मां के दर्शनों के लिए आतुर है।
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