Shivpuri News- एसपी ने 20 दिन पहले पत्र लिखा था: अभी तक नही हुआ रिश्वतखोर अधिकारी और चपरासी का ट्रांसफर

Bhopal Samachar
शिवपुरी। आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला संयोजक आरएस परिहार के भृत्य अवधेश शर्मा को लोकायुक्त की टीम ने 22 मार्च को ट्रैप किया था। लोकायुक्त की टीम ने अवधेश शर्मा को 80 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। चपरासी के अनुसार उसने यह रिश्वत जिला संयोजक आरएस परिहार के कहने पर पोहरी के शासकीय अनुसूचित जाति उत्कृष्ट सीनियर बालक छात्रावास अधीक्षक हेमराज सहरिया से मांगी थी।

हेमराज ने मामले की शिकायत लोकायुक्त को दर्ज कराई थी जिस पर से जिला संयोजक आरएस परिहार सहित चपरासी अवधेश शर्मा के खिलाफ लोकायुक्त ने आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया। इस मामले के सामने आने के बाद भी दोनों आरोपितों का स्थानानंतरण नहीं किया गया। जबकि इसे लेकर लेकर लोकायुक्त एसपी ने 25 मार्च को ही जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त को कार्रवाई के लिए पत्र लिख दिया था।

लोकायुक्त एसपी ने अपने लिखे पत्र में लेख किया कि जिला संयोजक आरएस परिहार और भृत्य अवधेश शर्मा के विरूद्ध अपराध क्रमांक 61/2022 धारा 7, 13(1) बी, 13(2), पीसी एक्ट 1988 एवं 120बी भादवि के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है। ट्रेप के प्रकरण में आरोपित अधिकारी-कर्मचारियों के संबंध में किसी भी माध्यम से सूचना प्राप्त होने अथवा संज्ञान में आने के तीन कार्य दिवस की समयावधि के भीतर उनको ऐसे पद जिस पर रहते हुए ट्रेप की कार्रवाई हुई है, से अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया जाए।

इस पत्र को 20 दिन बीतने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इससे शिकायतकर्ता भी डरा हुआ है क्योंकि उसने जिसकी शिकायत कर ट्रैप कराया वह अभी भी उसी पद पर बैठा हुआ है। इस मामले में कार्रवाई जानने के लिए विभाग की संभागीय संचालक उषा पाठक से पक्ष जानने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

रिश्वतखोरों पर नहीं हो रही कड़ी कार्रवाई

जिला संयोजक परिहार और उनके भृत्य के पूर्व पटवारी भी नामांतरण के बदले रिश्वत लेते हुए पकड़े जा चुके हैं। इसमें किसी भी कर्मचारी पर कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की गई है। पटवारी का अधिक से अधिक हल्का बदल दिया जाता है। अब वह जिस दूसरे हल्के में जाएगा वहां पर अनियमिताएं करेगा। कठोर कार्रवाई न होने से कर्मचारियों को उनके किए का उचित दंड नहीं मिलता है और शिकायतकर्ता भी खुद को ठगा हुआ महसूस करते हैं।
G-W2F7VGPV5M