शिवपुरी। आज बुधवार को नालंदा अकादमी में माननीय सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट निपुण सक्सेना के द्वारा मौलिक अधिकारों पर विद्यार्थियों के साथ परिसंवाद किया गया, जिसमे मौलिक अधिकार को स्पष्ट करते हुए बताया कि ये अधिकार मानव के विकास यात्रा व भारत की गौरव गाथा के प्रतीक है, व कालक्रम में माननीय उच्चतम न्यायलयों के निर्णयों के द्वारा भारत में मौलिक अधिकारों को और पुष्ट किया गया हैं
आज वर्तमान में उच्चतम न्यायालय ने मौलिक अधिकारों के जरिये समाज मे समानता लाने का भी प्रयास कर रही है, सबरीमाला व नाज फाउंडेशन के मुद्दों पर दिए गए निर्णय इस ओर इंगित करते है साथ ही उन्होंने मौलिक अधिकारों की कटौती करने के काल अर्थात इमरजेंसी पर भी प्रकाश डाला, जिसमे किस प्रकार मौलिक अधिकारों का हनन हुआ व माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा किस प्रकार इस काल मे नागरिकों के अधिकारों का रक्षण किया
इस परिसंवाद कार्यक्रम में नालंदा संस्थान के विद्यार्थियों ने भी अपनी मौलिक अधिकारों से सम्बंधित जिज्ञासा को निपुण जी के समक्ष रखा, जिसके उन्होंने संतुष्टिदायक जवाब दिए कार्यक्रम के अंत में नालंदा संस्थान के डायरेक्ट अक्षत बंसल जी ने आज के कार्यक्रम के लिए निपुण सक्सेना को धन्यवाद अभिवादन किया और उन्हें संस्था की ओर से प्रतीक चिन्ह व गुलदस्ता भी भेंट दिया इस अवसर पर प्रदीप रावत सर, सुनील सोले व संस्था के अन्य प्रमुख सदस्य भी उपस्थित थे