शिवपुरी। इन दिनों शिवपुरी शहर में सूअरों की धमाचौकडी पूरे जोर पर है। शिवपुरी की विधायक और कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया शिवपुरी को सुअर मुक्त बनाने को लेकर हर बार नाराजगी जाहिर करती है। जिसके चलते शहर में सुअरों के लिए अभियान चलाया जाता है और यशोधरा राजे की नाराजगी दूर करने के लिए उनके पास कार्यवाही के फोटो भेज दिए जाते है। परंतु उनके मुंह फेरते ही यह सभी मुहिम फिर से धरी की धरी रह जाती है।
जालात यह है कि शिवपुरी में सुअरों की बढ़ती हुई संख्या अब लगता है लाइलाज हो चुकी है। कॉलोनियों में सैकड़ों की संख्या में सुअर दिन हो या रात घूमते हुए मिल जाते हैं। इससे कॉलोनियों मोहल्लों और पूरे शहर का माहौल दूषित हो रहा है। गंदगी फैल रही है। सुअरों के हमले से लोग घायल हो रहे हैं और नपा प्रशासन इनकी संख्या को नियंत्रित करने में असफल हो रहा है।
शहर में हजारों की संख्या में इतने सुअर हो चुके है कि कटाक्ष में अब लोग शिवपुरी जैसी पवित्र नगरी को सुअरपुरी भी कहने लगे हैं। लेकिन इसके बाद भी नपा प्रशासन के कानों पर कोई जूं नहीं रेंग रही। जबकि अधिकांश सुअर पालक नगर पालिका में कार्यरत हैं और इन पर उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी नगर पालिका कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। जिससे सुअर समस्या को नपा प्रशासन का संरक्षण मिलने की आशंकाओं को बल मिल रहा है।
सुअर समस्या के उन्नमूलन हेतु आधे अधुरे प्रयास अवश्य किए गए हैं। लेकिन इससे सुअर पालकों के हौंसले ही बढ़े हैं। इस समस्या को हल करने में शिवपुरी विधायक और प्रदेश सरकार की मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने अवश्य प्रयास किए हैं। उन्होंने सुअरों के शूटआउट का आदेश भी दिया गया। लेकिन इसका जब समवेद स्वर में विरोध हुआ तो उन्होंने अपने हाथ पीछे खींच लिए। जिसका परिणाम यह हुआ कि सुअर पालकों के हौसले बढ़े।
सुअर पालकों को समझाइश देने की कोशिश भी की गई कि वह अपने सुअरों को शहर से बाहर ले जाएं। यशोधरा राजे के निर्देश पर कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह एक सुअर पालक के निवास स्थान पर पहुंचे और वहां उन्होंने सुअर पालकों को समझाइश दी। लेकिन इसका कोई हल नहीं निकला। इस मामले को लेकर कुछ अभिभाषक उच्च न्यायालय भी गए और उच्च न्यायालय ने इस संबंध में कुछ दिशा निर्देश जारी किए।
नगर पालिका को आदेशित किया कि वह अपने यहां पदस्थ सुअर पालकों के खिलाफ कार्रवाई करे। लेकिन नगर पालिका ने इस मामले में लगातार टालमटोली की। देखने दिखाने को एक-दो दिन के लिए सूअर पकड़ने वाली टीम बुलाई गई और फिर वह टीम न जाने कहां गायब हो गई। आज स्थिति यह है कि कई कॉलोनियों में तो हजारों की संख्या में सुअर निश्चित विचरण कर रहे हैं। सुअरों के कारण पूरे शहर में गंदगी का साम्राज्य व्याप्त है।