शिवपुरी। खबर शिवपुरी पुलिस अधीक्षक कार्यालय से आ रही है कि कोलारस में रहने वाली एक महिला ने बकील और पक्षकार पर धोखाधडी का आरोप लगाया है। इस मामले की शिकायत पीडिता ने पुलिस अधीक्षक से करते हुए बताया है कि दिनांक 25 /06/2021 प्रकरण क्रमांक 278/2019- 20/अ -6 को तहसील कोलारस द्वारा प्रार्थी के पक्ष में वसीयत के आधार पर नामांतरण का एक निर्णय दिया गया था जिसमें प्रार्थी व प्रार्थी के परिवार के सदस्यों के नाम पर नामांतरण करने का आदेश दिया गया जो कि ग्राम रामपुर में स्थित भूमि सर्वे नंबर 160, 196 ,198 ,218 ,245, 293, 398 ,401, 440, 597 ,598 से संबंधित है।
पीडिता ने शिकायत में बताया है कि उक्त प्रकरण में तहसीलदार के नामांतरण के आदेश 25/6/2021 के विरुद्ध में माननीय अनुविभागीय अधिकारी कोलारस ज़िला शिवपुरी के सम्मुख अपीलांट बृजमोहन, कैलाश नारायण पुत्र स्वर्गवासी घनश्याम दास, सुशीला पुत्री घनश्याम दास गुप्ता निवासी गण कोठी नंबर 8 के पास छतरी रोड शिवपुरी मध्य प्रदेश ने अभिभाषक गोपाल श्रीवास्तव के माध्यम से एक अपील प्रस्तुत की।
उसके बाद अपील की एक प्रति रेस्पोंडेंट भावना गुप्ता वेवा राकेश गुप्ता, शशांक, हार्दिक पुत्रगण राकेश गुप्ता, नैंसी पुत्री राकेश गुप्ता निवासी गण कोलारस ज़िला शिवपुरी मध्य प्रदेश के अभिभाषक को प्रदान की जिस पर कि दिनांक 5/7/2021 अंकित थी।
यह कि उक्त प्रकरण में अनुविभागीय अधिकारी कोलारस द्वारा दिनांक 9/12/2021 को निर्णय सुना दिया गया जोकि रेस्पोंडेंट के विरुद्ध एवं अपीलार्थी के पक्ष में था। यह कि जब रेस्पोंडेंट को इस निर्णय की जानकारी प्राप्त हुई तब उसने इस प्रकरण के दस्तावेजों की सत्यापित प्रतिलिपि प्राप्त करने के लिए आवेदन दिया व प्रतिलिपि प्राप्त की और उन दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतिलिपि के अध्ययन के बाद रेस्पोंडेंट को जानकारी प्राप्त हुई, कि अपीलार्थी के अभिभाषक गोपाल श्रीवास्तव द्वारा रेस्पोंडेंट के अभिभाषक को जो अपील के मेमो की प्रति दी गई थी वह पूर्णतः अलग है जबकि जिस अपील के मेमो पर निर्णय दिया गया है और जो रेस्पोंडेंट के मांगे जाने पर सत्यापित प्रतिलिपियों के रूप में रेस्पोंडेंट को उपलब्ध कराई गई है, वह पूर्णतः अलग है।
पीडिता ने बताया है कि दोनों यहां तक की अपील मेमो आवेदन जोकि सत्यापित प्रतिलिपि मांगे जाने पर प्रदान किया गया है उसमें वह मेमो अलग है व उस पर दिनांक 7/7/2021 अंकित है जबकि जो अपीलार्थी गण के अभिभाषक गोपाल श्रीवास्तव द्वारा दिया गया है। वह पूर्णतः अलग है और उस पर दिनांक 5/7 /2021 अंकित है। जिससे इनका बदला जाना व कूट रचित होना स्वता सिद्ध होता है।
यह कि उक्त प्रकरण के दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतिलिपि के अध्ययन के बाद रिस्पोडेंट को जानकारी प्राप्त हुई कि अपीलार्थी ब्रजमोहन आदि ने अभिभाषक गोपाल श्रीवास्तव के माध्यम से प्रकरण मे एक स्थगन आदेश कूटरचित तरीके से लगवाया है जिस पर दिनांक 14/07/2021 अंकित है जबकि आदेश पत्रिका मे उक्त आदेश का विवरण कहीं नही है एवं उक्त आदेश की प्रति केवल अपीलांट को दी गई जिससे षडयंत्र पूर्वक एवं कूटरचित होना स्वतः सिद्ध होता है स्थगन आदेश एवं आदेश पत्रिका की प्रति संलग्न है
उपरोक्त विवरण से व सत्यापित प्रतिलिपि अभिभाषक के द्वारा दी गई अपील मेंमो की प्रति के अध्ययन से यह स्पष्ट हो जाता है,गोपाल श्रीवास्तव व अपीलार्थीगण बृजमोहन, कैलाश व सुशीला आदि के षड्यंत्र से इस अपील के मेमो को बदला गया है व कूट रचित दूसरा अपील आवेदन उसके स्थान पर जोडा गया हैं साथ ही कुटरचित तरीके से स्थगन आदेश जोड़ा गया है और यह सब कार्य प्रार्थी की संपत्ति हड़पने के लिए किया गया है।
पीडिता ने शिकायत करते हुए मांग की है कि पीडित का आवेदन स्वीकार किया जाकर न्याय हित में बृजमोहन, कैलाश सुशीला व अभिभाषक गोपाल श्रीवास्तव के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 120 बी व अन्य धाराओं में मामला दर्ज कराने की मांग की है।