शिवपुरी। बजट के अभाव में कई सालों से अटके पड़े नई कलेक्ट्रेट भवन के निर्माण को लेकर अब उम्मीद जगने लगी है। शुरुआत में प्रशासन ने करीब 23 करोड़ रुपये से नया कलेक्ट्रेट भवन बनाने का प्रस्ताव भेजा था। यह स्वीकृत हो गया था, लेकिन बाद में बजट के अभाव में अटक गया।
इसके बाद प्रशासन ने इसे वाटर प्रोजेक्ट के तहत बनाने का विचार किया। इसमें तय हुआ कि प्रशासन हाउसिंग बोर्ड को जमीन देगा जिस पर हाउसिंग बोर्ड व्यवसायिक निर्माण करेगा और उससे जो आमदनी होगी उसके बदले में नया कलेक्ट्रेट भवन बनाकर देगा। यह बात को भी सालभर से ज्यादा बीत चुका है, लेकिन फाइल ठंडे बस्ते में ही डली हुई थी।
लेकिन अब प्रशासन ने जमीन हाउसिंग बोर्ड को हैंडओवर करने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। जो पुरान बस स्टैंड की जमीन हाउसिंग बोर्ड को देना है उस पर से अतिक्रमण हटाने और बनी हुई दुकानों को बदले में नई दुकानें देने का काम शुरू कर दिया है। इसी के चलते नोटिस भी जारी किए गए थे। दरअसल जब तक प्रशासन ने हाउसिंग बोर्ड से कलेक्ट्रेट बनवाने का निर्णय लिया तब तक कलेक्ट्रेट भवन के निर्माण की लागत भी बढ़ गई।
अब इसकी लागत करीब 30 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है। इसलिए बदले में शहर के बीचों बीच स्थित पुराने बसस्टैंड की जमीन दी गई है जिस पर 40 से अधिक दुकानें स्थिति हैं जिन्हें हटाने की कवायद की जा रही है। कई दुकानदारों ने कई साल पहले से रुपये भी जमा कराए हुए हैं। इन सभी दुकानदारों से जुड़े मुद्दों को उनसे बातकर उचित समाधान निकालने की दिशा में प्रशासन ने काम शुरू कर दिया है।
कई कार्यों के लिए हो चुका है उपयोग
मध्यप्रदेश में रोडवेज खत्म होने के बाद शिवपुरी में स्थित पुराने रोडवेज की जमीन खाली हो गई। यात्री प्रतीक्षालय से लेकर टिकट काउंटर व वर्कशॉप वाली लगभग 10 बीघा जमीन यूं ही बेकार पड़ी हुई है। पहले इस पुरानी बिल्डिंग में जिला परिवहन कार्यालय संचालित किया गया। उसके बाद हॉकर्स जोन बनाया गया और फिर पुराने काउंटर भवन में दीनदयाल रसोई शुरू कर दी गई।
तीन मंजिला होगी नई कलेक्ट्रेट
शिवपुरी की नई कलेक्ट्रेट का जो नक्शा बनाया गया है, उसमें वो तीन मंजिला बिल्डिंग होगी। इस तीन मंजिला नई कलेक्ट्रेट को बनवाने के एवज में करीब 30 करोड़ खर्च किया जाएगा। एसपी ऑफिस भी इसके पास ही बनना प्रस्तावित है। यहां पर एक ही छत के नीचे सभी डिपार्टमेंट्स को लाया जाएगा।