पिछोर। खबर जिले के पिछोर तहसील से आ रही है कि पिछोर में वाल्मीकि परिवार में होने वाली शादी के लिए मैरिज गार्डन की बुंकिग न करने पर नाराज वाल्मीकि समाज के लगभग 200 लोगो ने धर्म परिवर्तन का ऐलान कर दिया। इस परिवार की शिकायत भोपाल तक पहुंची तो मामला गर्मा गया। बताया जा रहा हैं कि प्रशासन ने शांति समिति की बैठक कर इस मामले को सुलझा लिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शेर सिंह घावरी की बेटी की शादी होना है। इसे लेकर शेर सिंह घावरी 13 दिसंबर को पिछोर में तमाम गार्डन संचालकों और टेंट संचालकों ने मना कर दिया। शेर सिंह से कहा गया कि तुम लोग बिस्तरों और कमरों का इस्तेमाल करोगे तो दूसरे समाज के लोग फिर इसे इस्तेमाल नहीं करेंगे इसलिए तुम लोगों को गार्डन नहीं दे सकते हैं।
इस बार शेर सिंह ने प्रशासन से शिकायत की, लेकिन कोई हल नहीं निकला। इसके बाद शेर सिंह घावरी और समाज के अन्य लोगों ने अपने नेताओं को इसकी जानकारी दी। साथ ही कहा कि यदि ऐसे ही हालात रहे तो हम सभी को धर्म परिवर्तन कराना होगा।
धर्म परिवर्तन कराने की जानकारी जैसे ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को लगी तो स्थानीय स्वयंसेवकों के पास भोपाल से फोन आने लगे। उत्तरप्रदेश से भारतीय वाल्मीकि कल्याण समाज के प्रदेश अध्यक्ष बंटी करोसिया और अन्य नेता भी पिछोर पहुंच गए। इसके बाद आनन फानन में प्रशासन ने मैरिज गार्डन संचालकों और टेंट संचालकों को बैठक के लिए बुला लिया।
इस दौरान गार्डन संचालक जगह न देने की बात से पलट गए और कहा कि हमने मना नहीं किया। हमारे पास दूसरी बुकिंग थी जिसके कारण मना किया। बाद में सभी की मौजूदगी में लिखित सहमति ली गई कि वाल्मीकि समाज का होने के कारण किसी भी व्यक्ति को बुकिंग के लिए मना नहीं करेंगे। प्रशासन को शेर सिंह ने 13 दिसंबर को ही सूचना दे दी थी। तब पिछोर एसडीएम ने आचार संहिता का हवाला देते हुए 2-3 लोगों को ही लेकर बात करने आओ। इसके बाद शेर सिंह ने स्पीड पोस्ट से कई जगह शिकायत दर्ज कराई। पिछोर एसडीएम जानकारी होने के बाद भी पिछले तीन दिनों तक कार्रवाई से बचते रहे। राजनीतिक दवाब आने के बाद उन्होंने गुरुवार को बैठक बुलाई। बैठक में एसडीओपी दीपक तोमर भी मौजूद रहे।
200 से ज्यादा परिवार, बोले ऐसे धर्म में जाएंगे जहां भेदभाव न हो
भारतीय वाल्मीकि कल्याण समाज के प्रदेश अध्यक्ष बंटी करोसिया ने कहा कि यह आज की बात नहीं है कि शादी के लिए कोई जगह देने तैयार न हुआ हो। सालों से यह प्रथा यहां चली आ रही है। छुआछूत यहां की मानसिकता में बस गई है। यदि ऐसे ही आगे भी ऐसी ही घटना हुई और प्रशासन ने मैरिज गार्डन संचालकों पर कार्रवाई नहीं की तो पूरा वाल्मीकि समाज आंदोलन के साथ दूसरा धर्म चुनने को बाध्य होगा। जब उनसे पूछा गया कि वे किस धर्म में जाएंगे तो उन्होंने किसी धर्म विशेष का नाम न लेते हुए कहा कि ऐसे धर्म में जाएंगे जहां हमें सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से सम्मान मिलेगा। उल्लेखनीय है कि पिछोर में वाल्मीकि समाज के करीब 200 परिवार हैं।
इनका कहना है
बैठक में सभी लोगों से लिखवा लिया है कि आगे से ऐसी परेशानी नहीं आएगी। फिर भी कोई गार्डन या टेंट देने से इंकार करता है तो कड़ी कार्रवाई करेंगे।
जेपी गुप्ता, एसडीएम पिछोर
प्राप्त जानकारी के अनुसार शेर सिंह घावरी की बेटी की शादी होना है। इसे लेकर शेर सिंह घावरी 13 दिसंबर को पिछोर में तमाम गार्डन संचालकों और टेंट संचालकों ने मना कर दिया। शेर सिंह से कहा गया कि तुम लोग बिस्तरों और कमरों का इस्तेमाल करोगे तो दूसरे समाज के लोग फिर इसे इस्तेमाल नहीं करेंगे इसलिए तुम लोगों को गार्डन नहीं दे सकते हैं।
इस बार शेर सिंह ने प्रशासन से शिकायत की, लेकिन कोई हल नहीं निकला। इसके बाद शेर सिंह घावरी और समाज के अन्य लोगों ने अपने नेताओं को इसकी जानकारी दी। साथ ही कहा कि यदि ऐसे ही हालात रहे तो हम सभी को धर्म परिवर्तन कराना होगा।
धर्म परिवर्तन कराने की जानकारी जैसे ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को लगी तो स्थानीय स्वयंसेवकों के पास भोपाल से फोन आने लगे। उत्तरप्रदेश से भारतीय वाल्मीकि कल्याण समाज के प्रदेश अध्यक्ष बंटी करोसिया और अन्य नेता भी पिछोर पहुंच गए। इसके बाद आनन फानन में प्रशासन ने मैरिज गार्डन संचालकों और टेंट संचालकों को बैठक के लिए बुला लिया।
इस दौरान गार्डन संचालक जगह न देने की बात से पलट गए और कहा कि हमने मना नहीं किया। हमारे पास दूसरी बुकिंग थी जिसके कारण मना किया। बाद में सभी की मौजूदगी में लिखित सहमति ली गई कि वाल्मीकि समाज का होने के कारण किसी भी व्यक्ति को बुकिंग के लिए मना नहीं करेंगे। प्रशासन को शेर सिंह ने 13 दिसंबर को ही सूचना दे दी थी। तब पिछोर एसडीएम ने आचार संहिता का हवाला देते हुए 2-3 लोगों को ही लेकर बात करने आओ। इसके बाद शेर सिंह ने स्पीड पोस्ट से कई जगह शिकायत दर्ज कराई। पिछोर एसडीएम जानकारी होने के बाद भी पिछले तीन दिनों तक कार्रवाई से बचते रहे। राजनीतिक दवाब आने के बाद उन्होंने गुरुवार को बैठक बुलाई। बैठक में एसडीओपी दीपक तोमर भी मौजूद रहे।
200 से ज्यादा परिवार, बोले ऐसे धर्म में जाएंगे जहां भेदभाव न हो
भारतीय वाल्मीकि कल्याण समाज के प्रदेश अध्यक्ष बंटी करोसिया ने कहा कि यह आज की बात नहीं है कि शादी के लिए कोई जगह देने तैयार न हुआ हो। सालों से यह प्रथा यहां चली आ रही है। छुआछूत यहां की मानसिकता में बस गई है। यदि ऐसे ही आगे भी ऐसी ही घटना हुई और प्रशासन ने मैरिज गार्डन संचालकों पर कार्रवाई नहीं की तो पूरा वाल्मीकि समाज आंदोलन के साथ दूसरा धर्म चुनने को बाध्य होगा। जब उनसे पूछा गया कि वे किस धर्म में जाएंगे तो उन्होंने किसी धर्म विशेष का नाम न लेते हुए कहा कि ऐसे धर्म में जाएंगे जहां हमें सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से सम्मान मिलेगा। उल्लेखनीय है कि पिछोर में वाल्मीकि समाज के करीब 200 परिवार हैं।
इनका कहना है
बैठक में सभी लोगों से लिखवा लिया है कि आगे से ऐसी परेशानी नहीं आएगी। फिर भी कोई गार्डन या टेंट देने से इंकार करता है तो कड़ी कार्रवाई करेंगे।
जेपी गुप्ता, एसडीएम पिछोर
