मां की ममता पर प्रश्नचिन्ह खडी करती हें यह दोनो खबरे, शास्त्रो 5 किलो के पत्थर के प्रसंग को भी झूठला दिया: पढिए यह दोनो खबरे- Shivpuri News

Bhopal Samachar
काजल सिकरवार। आज शिवपुरी की मीडिया में ऐसी दो खबरो का प्रकाशन हुआ है यह दोनो ही खबरे दिल को हिला देनी वाली और मां की मामता कंलकित करती हैं। कहते है कि ससांर में अगर निषकाम कार्मयोग की व्याख्या सबसे कम शब्दो में की जाए तो मां की मामता का उदाहरण सबसे श्रेष्ठ उदाहरण हो सकता हैं। लेकिन आज इस मां की ममता को कलकित करने वाली दो खबरे आई हैं एक मां अपने दो बच्चो को छोडकर प्रेमी के साथ भाग गई और एक मां ने अपना दो साल के मासूम को ठंड में मरने के लिए छोड दिया।

खबर पर बाद में चलते हैं शास्त्रो में एक प्रसंग हैं कि दुनिया में सबसे अधिक पूजनीय कौन होता हैं। आईए इस प्रसंग का शास्त्रो में लेख से खोज करते हैं कहा जाता है कि एक जिज्ञासु एक महात्मा के पास पहुंचा और बोला महाराज संसार मे सबसे अधिक पूज्नीय कौन है। महात्मा ने विचार कर कहा कि इसका जबाब मे कल दूंगा और आपको इसकी साथर्कता का अहसास भी होगा। पर इसके लिए आपको एक काम करना होगा। जब ही इसका जबाव मिलेगा।

जिज्ञासु ने कहा कि महात्मा मुझे सवाल का जबाब चाहिए कुछ भी करना पडे आप बताए क्या करना होगा। महात्मा ने कहा कि कल शाम तक आप अपने पेट से 5 किलो का पत्थर बांधकर वही सब काम करना जो प्रतिदिन करते हैं वही दिनचर्या रखना जो प्रतिदिन रखते हैं।

महात्मा की यह बात सुन जिज्ञासु चला गया। और शाम को महात्मा के पास पहुंचा और खडा हो गया। महात्मा ने पूछा क्या हुआ। तुमने वही किया जो मैने कहा बोला महाराज मैने आपके कहे अनुसार 5 किलो का पत्थर पेट से बांध कर प्रतिदिन वाले काम किए लेकिन एकाध प्रहर ही काम कर सका उसके बाद सहन नही हुआ।

महात्मा ने कहा शायद तुम्है तुम्हारे सवाल का जबाब मिला गया होगा। जिज्ञासु ने कहा पत्थर बांधने और फेकने में कैसा जबाब,महात्मा ने मुस्कराते हुए कहा कि जब आपकी मां ने अपको जब 9 माह कोख में रखा उसने आपको एक पल भी अपने आप से दूर करने की कोशिश तो छोडो तनिक भर भी सोचा ही नही होगा । उसने आपको अपनी कोख में रख कर पूरे नो माह तक सभी कार्य किए। इससे सिद्ध होता है कि संसार में सबसे अधिक पूज्यनीय मां होती है।

बडा ही मार्मिक प्रसंग हैं और सार्थक हैं भगवान भी मां की आंचल का छाव लेने के लिए इस धरती पर मानव बन कर आए। लेकिन शिवपुरी में बीते रोज हुई यह घटनाए इन शास्त्रागत बातो में प्रश्नचिन्ह खडा करती हैं।

कैसे एक मां अपने लाल को कडकडाती ठंड में खुले में छोड सकती हैं क्यो छोडा किसने छोडा यह बाद का विषय और जांच का विषय हैं। 2 साल का बालक हैं मां अविवाहित नही हो सकती हैं। क्या मजबूरी रही जो उसने अपने 2 साल के मासूम को मरने के लिए छोड दिया,कुल मिलाकर यह घटना ममता पर सवाल खडे करती हैं।

दूसरी घटना पूजा जाटव के प्रेम की हैं। रन्नौद थाना क्षेत्र के मडवासा गांव की रहने वाली पूजा जाटव के पति का विवाद गांव के रहने वाले एक व्यक्ति से हो गया। इस विवाद में पूजा के पति राजेन्द्र जाटव ओर उसके भाई ने इस विवाद में एक ग्रामीण का सिर फाड दिया जिससे वह जेल मे चले गए। इधर दो बच्चो की मां पडौसी के इश्क में पागल होकर घर छोड कर भाग गई। इन मासूमो का पिता जेल में हैं और मां भाग गई,उसके दोनो बच्चे अनाथ हो गए और भीख मांगकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं।