शिवपुरी। गीता सहरिया (14) औऱ उसकी बहन सीता (13) ने कभी सोचा नही था कि वह अपने गांव से बाहर कभी पढ़ाई करने भी जायेगी। दोनों जनजातीय बहनें शिवपुरी जिले के रेन्जा गांव की है और अब वे जिला मुख्यालय शिवपुरी पर आरम्भ किये गए कन्या शिक्षा परिसर में रहकर पढ़ाई कर रहीं है।
गीता को अंग्रेजी से बहुत डर लगता था लेकिन अब उसका यह डर धीरे धीरे खत्म हो रहा है वह अब नाउन,टेन्स,वर्ब को समझने लगी है। 6वी कक्षा में पढऩे वाली रानी सहरिया के पिता तेंदूपत्ता श्रमिक है और वे अपनी बेटी को शहर भेजना नही चाहते थे लेकिन जनजातीय कार्य विभाग के जिला संयोजक राजेश सिंह परिहार ने उन्हें गांव में जाकर जब समझाया तो वह रानी को कन्या शाला की परीक्षा दिलाने के लिए राजी हो गए।आज रानी शिवपुरी में इस आवासीय कन्या शिक्षा परिसर में रहकर पढ़ाई कर रही है।
गीता, रानी, सीता जैसी 350 से अधिक बेटियों के जीवन में इन दिनों उम्मीदों की नई उड़ान ने दस्तक दी है। इन उम्मीदों को इन बेटियों की आंखों में स्पष्ट पढा जा सकता है।यह संभव हुआ है शिवपुरी जिले में इस वर्ष से आरम्भ हुए कन्या शिक्षा परिसर से। जनजातीय कार्य विभाग के जिला संयोजक राजेश सिंह परिहार कहते है कन्या शिक्षा परिसर का उद्देश्य प्रतिभावान छात्राओं की प्रतिभा का पोषण है।
कन्या शिक्षा परिसर में 490 सीटों की क्षमता है। इस संस्थान की स्थापना का उद्देश्य शिक्षा व साक्षरता मे वृद्धि के साथ-साथ प्रतिभावान छात्राओं की प्रतिभा का पोषण करना है। विशेषतया ऐसी छात्राओं का जो धनाभाव एवं उचित पारिवारिक संरक्षण एवं मार्गदर्शन के अभाव मे प्रतिस्पर्धाओं मे पिछड़ जाती हैं, उन्हे 12वीं तक ऐसी विशिष्ट शिक्षा उपलब्ध कराई जाय जहां उच्चतम शैक्षिक मानदंडों, उन्नत जीवन मूल्यों तथा सीखने व सिखाने के नवीन आयामों को हांसिल करने वाली उचित परिस्थितियां उपलब्ध हो सकें।
श्री परिहार के अनुसार शिवपुरी जिले के कोलारस ब्लॉक में एकलव्य विद्यायल का प्रस्ताव भी केंद्र सरकार को भेजा गया है। जिसके साथ जिले के अधिकतर जनजातीय प्रतिभाओं को बेहतर अवसर सुनिश्चित होंगे। कन्या शिक्षा परिसर में सीबीएसई पाठ्यक्रम लागू होगा। शासकीय कन्या शाला परिसर का भव्य एवं सुसज्जित भवन शिवपुरी जिला मुख्यालय पर मेडिकल कॉलेज के नजदीक बनाया गया है। भवन में स्कूल भवन, छात्रावास, आवास, पुस्तकालय, क्रीड़ांगन आदि समस्त सुविधाएं एक ही परिसर में उपलब्ध कराई गई है।