शिवपुरी। अगर आप कोई परेशानी में है और आप को पुलिस को मदद के लिए पुलिस की आवश्यकता हैं तो एक कॉल में पुलिस आपके पास आती हैं,लेकिन बीते रोज एक एक मामला सामने आया हैें जहां पुलिस की मदद के लिए पुलिस ही नही आई,ऑन ड्यूटी एक पुलिस का आरक्षक व्यवस्था बनाने के लिए पुलिस बल की मदद मांगता रहा लेकिन पुलिस बल नही आया।
मामला अस्पताल के मेन गेट का बताया जा रहा हैं कि बाइक पार्क को लेकर एक युवक से एक ट्रेफिक आरक्षक का विवाद हो गया। युवक लगातार आरक्षक को धमकाता रहा,आरक्षक लगातार फोन करता रहा लेकिन पुलिस नही आई। और युवक बडे ही शान से बाइक को लेकर वहां से फरार हो गया।
आरक्षक को धक्का देकर अंदर ले गया था बाइक
सोमवार की दोपहर जिला अस्पताल में अजय नामक एक युवक अपनी बाइक पर सवार होकर आया। अस्पताल के गेट पर तैनात ट्रैफिक पुलिस के आरक्षक पवन सहित अस्पताल के गार्ड ने युवक अजय को रोका और बाइक स्टैंड पर लगाने को कहा, लेकिन युवक स्टैंड पर बाइक लगाने तैयार ही नहीं था। वह आरक्षक और गार्ड को धक्का मारते हुए बाइक अंदर ले गया।
युवक ने गाड़ी अस्पताल के मुख्य द्वार पर खड़ी कर दी। आरक्षक ने जब वहां से गाड़ी हटाने को कहा तो युवक उससे झगड़ा करने लगा। यह देख कुछ और पुलिस आरक्षक वहां पहुंच गए और उससे वहां से गाड़ी हटाने को कहा, परंतु युवक ने बाइक नहीं हटाई, बल्कि पुलिस वालों को देख लेने की धमकी देते हुए बोला कि बाइक से हाथ नहीं लगा देना, आप मुझे जानते नहीं हो।
इसी दौरान युवक ने हिंदूवादी नेता विनोदपुरी को फोन लगा दिया। इधर वहां मौजूद आरक्षक कार्रवाई और मदद के लिए पुलिस कंट्रोल रूम, कोतवाली सहित तमाम लोगों को कॉल लगाते रहे, लेकिन पुलिस नहीं आई। इसी बीच कुछ देर बाद एक अन्य युवक अस्पताल पहुंचा और पुलिस को धमकी दे रहे युवक की बाइक को निकलवा कर ले गया।
विहिप नेता के विनोदपुरी बोले, मुझे अजय नामक युवक ने फोन लगाया था और गलत जानकारी दी। बाद में मैंने भी पता किया युवक का व्यवहार गलत रहा था। मैं सुबह अजय को बुलाता हूं, आगे से ऐसे किसी युवक की मदद के लिए बात नहीं करूंगा।
वहीं ट्रैफिक प्रभारी रणवीर सिंह यादव ने कहा कि आरक्षक को मुझे कॉल करना चाहिए था। मामला आपके द्वारा मेरे संज्ञान में लाया गया है। मैं मामले की जानकारी लेता हूं, आप मुझे वीडियो सेंड कर दें मैं गाड़ी वाले पर कार्रवाई करता हूं।