शिवपुरी। आनलाईन ठगी के आपने सैकडो मामले सुने होगें और समाचार पत्रो के माध्यम से पढे होगें परन्तु फिर भी लोग आनलाईन ठगी का शिकार हो रहे है। तकनीक जहां आमजन की सुविधा बनी हैं तो वही कुछ लोग इस तकनीक का शिकार होकर अपने पैसे ठगो से ठग लिए गए हैं। यह खबर आप सभी का पढनी चाहिए क्यो कि इस खबर से आप सजग हो गए तो यह आपके पैसे चोरी होने से बचा सकती है।
इस खबर में सबसे बडी चिंतायोग्य बात यह है कि अब ठग सरकारी सिस्टम के डाटा में सेंध लगाने में कामयाब हो गए। ठगो के पास सरकारी फाइलो की जानकारी पहुंच चुकी है और इन्ही सरकारी फाइलो के डाटा से ठगो ने 3 सरकारी शिक्षक जो बीएलओ का काम देख रहे हैं उनको चूना लगा दिया और अकाउंट साफ कर दिए है। आप भी सावधान हो जाए किसी अज्ञात व्यक्ति हो फोन पर भेजी गई कोई लिंक डाउनलोड न करे और न ही किसी भी प्रकार के मैसेस के द्धवारा भेजी गई ओटीपी ने बताए।
सरकारी सिस्टम में सेंध लगाने वाली खबर पिछोर क्षेत्र से आ रही है कि ठग ने एसडीएम कार्यालय पिछोर का कर्मचारी बनकर बीएलओ अरूण मिश्रा ओर राकेश श्रीवास्तव को फोन लगाया और बोला की आपके खाते में मानदेय का पैसा डालना हैं और ठग ने इन शिक्षको को बातो में उलझा कर अरुण मिश्रा के खाते से 1300 रुपये और राकेश श्रीवास्तव के खाते से 20 हजार रुपये कट गए। एक बीएलओ अपनी समझ से ठगी का शिकार होने से बच गए।
बीएलओ अरूण मिश्रा ने बताया
मेरे पास एक कॉल आया और मुझे बताया कि आपके बीएलओ कार्य का मानदेय डालने वाले हैं। अपना गूगल पे या फोन पे नंबर बताएं। मैंने कहा कि सादा मोबाइल इस्तेमाल करता हूं तो भतीजे से बात कई। भतीजे के फोन में पहले 1300 रुपये आए और इसके बाद यह 1300 तो वापस गए ही, साथ ही खाते के 1300 रुपये भी कट गए। गनीमत थी कि उसके खाते में ज्यादा रुपये नहीं थे।
राकेश श्रीवास्तव बीएलओ पिछोर के खाते से 20 हजार गायब
राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि मेरे पास कॉल आया कि आपके बीएलओ कार्य का मानदेय फोन पे पर भेजा जाएगाँ इसमें आपके मोबाइल पर एक ओटीपी आएगी जिसे आपको बताना है। मैंने ऐसा ही किया इसके बाद पहले 9 हजार रुपये खाते से कटे। इसके बाद फिर से 9 हजार और फिर दो हजार रुपये मेरे खाते से कट गए। इस तरह कुल 20 हजार रुपये खाते से कटे हैं।
लिंक पर क्लिक करते ही खाते से निकली राशि
जैसा कि विदित है कि शिक्षकों को निर्वाचन शाखा में बूथ लेवल अधिकारी के तौर पर भी काम सौंपा गया है। इसके लिए उन्हें मानदेय भी मिलता है। ठग ने फोन कर कहा कि मैं एसडीएम कार्यलय से बोल रहा हूं। इसके बाद नाम से संबोधित किया और कहा कि आपके सीरियल नंबर आए हैं। ठग ने कहा कि जो लोग नेटबैंकिंग नहीं चला पा रहे हैं उन्हें बीएलओ एप्लीकेशन के जरिए पैमेंट किया जा रहा है।
यदि अभी पैमेंट नहीं हुआ तो यह फिर 2024 में ही मिलेगा। इसके बाद ठग कहता है कि यहां से आपको बीएलओ एप्लीकेशन बताई जा रही है जिसे डाउनलोड कर फोन-पे से लिंक कर लें। इसके बाद ठग नंबर बताता है और पूछता है कि डेटा इसी नंबर से चल रहा है न। जब बीएलओ सवाल पूछता है तो पेमेंट न होने का डर बताता है। इसके बाद फोन-पे खुलवाता है और कहता है कि नौ हजार का मैसेज आएगा जिसे स्वीकार करना है। यहां से नौ हजार की राशि डाली गई है। इस तरह ठगी का शिकार किया गया।
सरकारी सिस्टम में सेंध लगा चुका हैं ठग
साइबर ठगी के इस तरह के मामलों में शासकीय डाटा में बड़ी खामी सामने आ रही है। सरकारी डाटा लीक होकर ठगों तक पहुंच रहा है। जब ठगों ने फोन किया तो उन्हें इस बात की जानकारी थी कि व्यक्ति का नाम क्या है, इसके साथ ही पद, कार्यक्षेत्र, चुनाव में किया गया काम सब कुछ मालूम था। इससे स्पष्ट होता है कि उन तक पूरा डेटा पहुंचा है। पिछोर के ही तीन बीएलओ को थोड़े-थोड़े समय के अंतर से कॉल किया।