सर्व शिक्षा अभियान: विभाग को अपने 16 छात्रावासो की सुध नही,1500 छात्राएं शिक्षा से वंचित- Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। कोरोना काल से बंद चल रहे विद्यालयों को प्रदेश सरकार ने 21 सितम्बर से प्रार्ईमरी से लेकर कक्षा 12 बी तक के विद्यालय खोलने के आदेश जारी कर दिए गए, इसी आदेश के परिपालन में शिवपुरी जिले में विद्यालय तो खुलने लगे लेकिन सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत संचालित जिले के 16 बालिका छात्रावास आज भी बंद पड़े हुए हैंं।

इन छात्रावासों में अध्ययनरत लगभग 1500 छात्राऐं आज भी शिक्षा से वंचित बनी हुई हैं। इसकी जानकारी स्थानीय अधिकारियों को होने के बाद भी आज तक इन छात्रावासों की ओर किसी ने भी कोई नजर नहीं दौड़ाई हैं। इसका परिणाम यह हैं कि छात्राओं के अभिभावकों ने इन छात्रावासों से बच्चियों के नाम कटाने तक का मन बना लिया हैं। क्योंकि बच्चों को भविष्य सुधारने के लिए पालक लगातार प्रयासरत हैं।

क्योंकि दो वर्ष से बच्चों की शिक्षा बंद थी। अब जैसे शासन ने स्कूलों को खालेने के आदेश जारी किए तो पालक भी अपने बच्चों के भविष्य की चिंता करने लगे हैं और उन्हें अन्य संस्थाओं में प्रवेश दिलाने लगे हैं। अब देखना यह हैं जिलाधीश इस ओर ध्यान दे जिससे इन छात्रावासों को चालू कराने की मांग की हैं। जिससे लगभग 1500 छात्राओं को शिक्षा से वंचित न होना पड़े और पालक इन छात्रावासों से बच्चियों को नाम कटाकर अन्यंत्र प्रवेश न दिलाना पड़े।

विद्यार्थी परिषद ने छात्रावास चालू कराने सौपेंगे ज्ञापन: आदित्य पाठक

कोरोना की वजह से दो साल से बंद छात्रावासों को खोले जाने की मांग को लेकर आदिवासी छात्र संगठन के साथ-साथ विद्यार्थी परिषद ने बीते रोज तहसील स्तरों पर ज्ञापन सौंपने की रूप रेखा तैयार कर ली हैं। ज्ञापन में उल्लेखित है कि विगत दो साल से स्कूल बंद होने की वजह से पढ़ाई चौपट हो गई है।

सरकार ने स्कूलों को खोलने का निर्णय ले लिया है तो ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले अनुसूचित जाति, जनजाति व पिछड़ा वर्ग के गरीब विद्यार्थी जो छात्रावासों में रहकर पढ़ते हैं, का स्कूल कॉलेजों में पढऩे आना छात्रावास बंद होने की वजह से मुश्किल हो रहा है। इसलिए जनहित में छात्रावासों को खुलवाया जाए व कोचिंग सेंटरों पर भी पढ़ाई शुरू कराई जाए। विद्यार्थी परिषद के आदित्य पाठक ने बताया कि जल्द ही हम इस समस्या को लेकर हल करायेंगे और छात्रावासें खुलवाने की बात करेंगे।

दूर दाराज की बलिकाओं को हॉस्टलों में दी जाती हैं शिक्षा

कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावासों में दूर दाराज की बलिकाओं को हॉस्टलों में रहकर शिक्षा ग्रहण करना होती हैं। जिले में लगभग 16 कस्तूरबा छात्रावासों में लगभग 1600 बच्चिां एससीएसटी एवं ओवी की बच्चियां निवास करती हैं और जिले के दूरदराज ग्रामीण क्षेत्रों से शहर तक नहीं आने वाले परिवारों की बच्चिायों हॉस्टल में रखकर शिक्षा के साथ-साथ व्यवसायिक एवं संस्कार प्रदान किए जाते हैं। लेकिन कोरोना काल के बाद से यह हॉस्टल लगातार बंद चल रहे थे इस कारण यह सारी बच्चिां अपने घरों पर निवास कर रही थी।

इनका कहना हैं
छात्रावासों के बंद को लेकर जब डिप्टी कलेक्टर शिवांगी अग्रवाल से चर्चा की तो उनका कहना था कि मैं इस विषय को दिखबा कर जल्द ही हॉस्टलों को चालू कराने का प्रयास करूंगी
शिवांगी अग्रवाल
डिप्टी कलेक्टर एवं प्रभारी डीपीसी