बड़ी खबर: कुपोषण से 1 वर्षीय लक्ष्मी की मौत, कुपोषित ढाई साल का भाई कान्हा NRC में भर्ती- Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। बीते रोज शिवपुरी समाचार द्धारा प्रकाशित खबर के बाद हरकत में आया प्रशासन भी अतिकुपोषित लक्ष्मी की जान नहीं बच सका। परिजन लगातार प्रशासन के आगे गुहार लगाते रहे परंतु उनकी किसी ने नहीं सुनी। इस मामले में आज एक साल की लक्ष्मी की कुपोषण से मौत हो जाने के बाद प्रशासन ने महज 5 हजार रूपए की सहायता राशि मृतक लक्ष्मी के परिजनों को सौंपी है। उसके बाद परिजनों ने उक्त मासूम के बडे भाई वह भी कुपोषित है उसे तत्काल एनआरसी में भर्ती कराया है। यहां कुपोषण से हुई इस मासूम की मौत के बाद विभाग अब इस पर पर्देदारी करता नजर आ रहा है।

जानकारी के अनुसार कोलारस अनुविभाग के आने वाले वार्ड क्रमांक 3 में महुरानीपुर में मजदूरी कर रहे चद्रभान आदिवासी की बेटी लक्ष्मी उम्र 1 साल अतिकुपोषण का शिकार हो गई। लक्ष्मी के पिता चन्द्रभान आदिवासी का कहना था कि वह लगातार 3 दिन से कोलारस अस्तपाल आ रहे हैं,लेकिन हमारी सुनवाई नही हो रही है। शनिवार के शाम मीड़िया के हस्तक्षेप के बाद डॉक्टरो ने लक्ष्मी को देखा।

लेकिन लक्ष्मी की स्थिती को देखकर उन्होने उसे शिवपुरी जिला चिकित्सालय में रैफर कर दिया। बताया जा रहा है कि जिला चिकित्सालय में लक्ष्मी को पीआईसीयू में भर्ती किया गया, लेकिन रविवार की सुबह लक्ष्मी के पिता पीआईसीयू में उचित ईलाज का हवाला देते हुए उसे ग्वालियर ले गया। पीआईसीयू के कर्मचारियो का कहना था कि बच्ची अतिकुपोषित थी उसका वजन 1 साल की उम्र मे ढाई किलो था कुछ घंटो के इलाज में वह स्वस्थय नही हो सकती थी लक्ष्मी के पिता हमसे बहस करके ग्वालियर ले गया। जहां मासूम लक्ष्मी की मौत हो गई।

इस मामले में घटना के लिए जिम्मेदार महिला एवं बाल विकास विभाग ने अपने बचाब में समाचार प्रकाशित कराते हुए इस कुपोषण के लिए मासूम के परिवार को जिम्मेदार ठहराते हुए बताया कि वह झांड फूंक में लगे रहे जिसके चलते मासूम को भर्ती नहीं किया गया और उसकी हालात बिगड गई। जिसपर अब महिला एवं बाल विकास विभाग के जिम्मेदारों से सीधा सबाल है कि जब वह झाड फूंक में लगे रहे तो अब उनके बच्चे कृष्णा को कैसे उन्होंने भर्ती करा दिया। कुल मिलाकर यह है कि विभाग इस मामले में पर्देदारी करने में पूरी तरह से जुट गया है।

SDM गणेश जायसबाल ने चलाई मुहिम भी कुपोषण को नहीं थाम सकी

बताया गया है कि कुछ दिनों पहले कोलारस के एसडीएम गणेश जायसवाल ने कोलारस क्षेत्र में मुहिम चलाते हुए अधिकारीयों को कुपोषित बच्चों को गोद लेने की मुहिम चलाई थी। जिसके चलते कोलारस क्षेत्र में कई अधिकारीयों ने इस कुपोषण के गोद लिए बच्चों के साथ फोटो शेसन कराया और उन्हें भूल गए। अब यह सबाल खडा होता है यह अतिकुपोषित बच्चे प्रशासन को कैसे दिखाई नहीं दिए। बताया गया है कि यह परिवार मूलत: रिझारी गांव का निवासी है परंतु बीते 6 साल वह कोलारस में निवास कर रही है। जिसके चलते इसकी जिम्मेदारी अब वार्ड नंबर 3 की है कि आखिर कुपोषितों के लिए आने बाली समाग्री कहा जा रही है।

इनका कहना है
यह परिवार मजदूरी करते हुए वाहर रह रखा था। यह अभी 8 दिन पहले ही यहां आया है। जिसके चलते बच्ची लक्ष्मी की तवियत खराब होने पर 9 तारीक को उसे अस्पताल लेकर पहुंचा। जहां से उसे जिला चिकित्सालय रैफर किया गया। उसके बाद यहां इसे ग्वालियर रैफर किया गया परंतु परिजन इस ग्वालियर ले जाते हुए कोलारस ले आए और झाड फूंक में लग गए। जिसके चलते उसकी मौत हो गई। इसके भाई को अब एनआरसी में भर्ती करा किया है।
पूजा स्वर्णकार,परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग
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