अब पाल महासभा भी मैदान में, डॉक्टरों पर मामला दर्ज करो, नही तो धरना होगा शुरू - karera News

Bhopal Samachar
करैरा। करैरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों का मामला ठंडा पड़ता दिखाई नहीं दे रहा है। चिकित्सकों और बीएमओ ने निजी विवाद में स्वास्थ्य सेवाएं बंद कर दबाव बनाकर FIR तो दर्ज करा दी, लेकिन अब पाल महासभा इसके विरोध में आ गई है।

करैरा में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक डॉ.अखिलेश शर्मा की कार से टक्कर के बाद बाइक सवारों द्वारा की गई मारपीट में अब दूसरे पक्ष ने रिपोर्ट के लिए ज्ञापन सौंपा है। पाल समाज के लोगों ने करैरा एसडीओपी के नाम सौंपे ज्ञापन में कहा कि बीएमओ डॉ. बीके रावत, डॉ. देवेंद्र खरे और डॉ. अखिलेश शर्मा द्वारा अंकित पाल और चन्द्रभान पाल निवासी दिनारा पर लगाए गए आरोप निराधार हैं।

डॉक्टर ने कार से टक्कर मारी, उतरकर चांटे मारे

करैरा में कुछ कार्य हेतु चंद्रभान एवं चन्द्रभान का पुत्र अंकित एवं पुत्री मुस्कान आये हुए थे। डॉ.अखिलेश ने कार से मोटरसाइकिल में टक्कर मार दी। टक्कर लगने के बाद मुस्कान मौके पर ही बेहोश हो गई थी। वहीं अंकित को मूंदी और चंद्रभान को चोटें आई थीं। इसके बाद डॉ. शर्मा अपनी कार से उतरे और अंकित और चंद्रभान में चांटे जड़ दिए।

चंद्रभान पाल ने निवेदन भी किया कि मेरी बच्ची बेहोश हो गई है इसका इलाज कराना है, लेकिन उन्होंने एक नहीं सुनी। उल्टी हम पर ही मुकदमा दर्ज करा दिया। ज्ञापन सौंपकर अखिल भारतीय पाल महासभा ने मांग की है कि पुलिस वहां की सीसीटीवी फुटेज निकलवाए जिससे सारा सच सामने आ जाएगा। यदि उन पर मामला दर्ज नहीं किया गया तो अखिल भारतीय पाल महासभा धरने पर बैठने को मजबूर होगी।

इस विवाद में पूरा दिन ठप रही थीं स्वास्थ्य सेवाएं

एक्सीडेंट का यह निजी मामला करैरा बीएमओ ने स्वास्थ्य विभाग का मामला बना दिया और अपने पद का उपयोग करते हुए करैरा सहित दिनारा, सिरसौद और अमोलपठा में काम बंद करा दिया जिसकी वॉट्सएप चैट भी वायरल हो गई। करैरा में बीएमओ का प्रभार बदलने के साथ ही वहां पर कुर्सी के संघर्ष में इस तरह के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। बीएमओ ने स्वास्थ्य विभाग के स्थानीय ग्रुप पर मैसेज किया था कि नो ओपीडी,नो सैंपलिंग,नो वैक्सीनेशन और नो इमरजेंसी।
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