बडी खबर: माधव नेशनल पार्क में गूंजेगी बाघ की दहाड़, प्रमुख सचिव सहमत

Bhopal Samachar
शिवपुरी। विश्व पर्यावरण दिवस पर शिवपुरी के लिए एक गुड न्यूज नेशनल पार्क शिवपुरी से आ रही हैं कि बाघ विहीन हुए पार्क में अब जल्द ही बाघो की दहाड सुनाई देगी। यह खबर शिवपुरी के पर्यटन को भी बडावा देगी। अगर सब कुछ सही रहा तो 1 साल के अंदर ही शिवपुरी के जंगलो को बाघ मिल जाऐगें।

शिवपुरी के जंगलो में किसी समय शिवपुरी के जंगलों में किसी समय बाघ यानी टाइगर बहुतायत से पाए जाते थे,परंतु समय के साथ धीरे-धीरे जंगल के राजा शिवपुरी जिले से लुप्त हो गए। कुछ वर्षों पूर्व माधव नेशनल पार्क में टाईगर सफारी स्थापित की गई थी तथा शिवपुरी वासियों को बाघ को देखने का अवसर मिला था। बाद में टाईगर सफारी के बाघ तकनीकी कारणों से जिले से बाहर भिजवा दिये गये थे।

अब जल्द ही वन का राजा आऐगा शिवपुरी के पार्क में

अब फिर शिवपुरी जिले के जंगलों में न केवल बाघों की दहाड़ फिर से सुनाई देगी वरन् उसके साक्षात दर्शन भी किए जा सकेंगे। मध्य प्रदेश वन विभाग के प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल, मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक आलोक कुमार, मुख्य वन संरक्षक डी.के. पालीवाल, लवित भारती वनमण्डलाधिकारी शिवपुरी द्वारा दिनांक 3 एवं 4 जून को माधव नेशनल पार्क का विस्तृत अमण किया गया तथा बाघों के निवास के लिए इसकी उपयुक्तता का आकलन किया गया।

375 वर्ग किलोमीटर में फैले पार्क में बाघ के लिए उपयुक्त वातावरण

वन विभाग और पार्क के अधिकारियों द्वारा निरीक्षण में पाया की लगभग 375 वर्ग कि.मी. में फैले शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क का पर्यावरण एवं लगभग 15 हजार चीतल, सांभर,नील गाय,चिंकारा,बाकिंग डियर एवं जंगली सुअर जैसे शाकाहारी वन्य प्राणियों की उपलब्धता तथा पेयजल के स्रोत झरने एवं वाटरफॉल माधव नेशनल पार्क में पर्याप्त संख्या में उपलब्ध है।

जो कि बाघ के रहवास के लिये अत्यावश्यक होते हैं एवं जिनके आधार पर यहां पर बाघों को पुनः स्थापित किया जा सकता है। इस निरीक्षण के बाद अधिकारियों ने आश्वस्त किया है कि आगामी एक वर्ष में शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क में बाघ को पुनः स्थापित करने हेतु कार्यवाही कर ली जाएगी।

पार्क के अतिरिक्त जिले में कई स्थान भी रहेंगें पर्यटको के आर्कषण के केन्द्र

माधव नेशनल पार्क के अतिरिकत जिले में मड़ीखेडा बाँध, नरवर का किला, सुरवाया एवं सेसई की गढ़ी, सिंधिया राजघराने की छत्रियों, भदैयाकुण्ड, टुण्डाभरका, छुडैल छज्जा, भूरा-खो इत्यादि दर्शनीय स्थल पूर्व से ही स्थित हैं तथा शिवपुरी को पर्यटन नगरी के रूप में भी जाना जाता है।

इसी क्रम में पर्यटन के विकास के लिये नरवर के किले के पहुँच मार्ग की मरम्मत तथा अन्य पर्यटन स्थलों का विकास भी किया जाएगा ताकि शिवपुरी जिले को एक टूरिस्ट सर्किट के रूप में विकसित करके देशी एवं विदेशी सैलानियों को आकर्षित किया जा सके।

शिवपुरी के कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने चर्चा में भाग लिया तथा माधव नेशनल पार्क के क्षेत्र के अंतर्गत स्थित ग्रामों को भू-अर्जन के माध्यम से पार्क की सीमा में सम्मिलित करने पर चर्चा की ताकि पार्क क्षेत्र में कॉरीडोर का विकास कर बाघों का निर्बाध आवागमन सुनिश्चित हो सके।
G-W2F7VGPV5M