शिवपुरी। एक तरफ कोविड को लेकर जिला प्रशासन तमाम दावें कर रहा है,वही दूसरी और जिले में जिम्मेदार स्वास्थ्य विभाग कोरोना का बटौना बांट रहा है। लापरवाही की हद तो तब हो गई जब एक कोरोना पॉजीटिव मरीज शहर में लगभग 4 घंटे तक सडकों पर भटकाता रहा।
दरअसल हुआ यह कि लुकवासा निवासी शिवेन्द्र रघुवंशी जो कि राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का जिलाध्यक्ष है,कोरोना की जांच कराने लुकवासा उपस्वास्थ्य केन्द्र पर पहुंचे। जहां उन्होंने देखा कि उपस्वास्थ केन्द्र मेें कोई भी उपस्थिति नहीं है। जो उपस्थिति है वह मरीजों को देखना तो दूर बात भी करने तैयार नहीं थे। जिसपर जागरूक युवक शिवेन्द्र रघुवंशी ने मोबाईल चालू कर अस्पताल की व्यवस्थाओं का वीडियों बनाना चालू कर दिया।
जैसे ही स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारीयों ने शिवेन्द्र को वीडियों बनाते देखा तो वह भडक गए और तत्काल पुलिस को बुला लिया। उसके बाद उक्त युवक का सेम्पल लिया जिसमेें युवक पॉजीटिव आया। तत्काल स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारीयों ने अपनी खुन्नस निकालने उक्त युवक को एम्बुलेंस बुलाकर जिला चिकित्सालय में रैफर कर भेज दिया।
यहां तक को ठीक है। परंतु जैसे ही यह युवक जिला चिकित्सालय पहुंचा तो एम्बुलेंस यूुवक को छोडकर भाग गई। युवक जिला चिकित्सालय में पहुंचा तो डॉक्टरों ने युूवक का चैकअप कर उसे होम आईसोलेट की सलाह दी। अब युवक ने देखा तो बाहर एम्बुलेंस भी चली गई। जिसके चलते यह युवक लगभग 4 घंटे तक शिवपुरी की सडकों पर कोरोना कॉरियर करते हुए लुकवासा बापिस जाने के लिए वाहन तलाशने लगा। परतु कोरोना कफ्यू के चलते उसे कोई वाहन नहीं मिला।
उसके बाद युवक ने लुूकवासा में अपने परिजनों को कॉल लिया और वहा से गाडी मंगाई तब कही जाकर वह घर पहुंचा। परंतु यहां बात सिर्फ इतनी है कि कोरोना काल में चिकित्सकों की अगर पॉल खोली जाती है तो वह अक्सर इसी तरह से मरीज को प्रताणित करते है। और मरीज को अक्सर धमकीयां देते है।