प्रदीप रघुवंशी आत्महत्या: सुसाइड नोट में पुलिसकर्मी सहित 3 का नाम - Shivpuri News,

Bhopal Samachar
शिवपुरी
। बीतेे रोज पुलिस लाइन में रह रहे यातायात पुलिसकर्मी के बेटे की आत्महत्या के मामले में आज नया मोड आया है। प्रदीप रघुवंशी ने आत्महत्या कर्जे से तस्त्र होकर की। जिसमें शहर में पदस्थ कुछ पुलिसकमियों द्धारा युवक को प्रताणित करने की बात सामने आई है। 

पुलिस आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं कर रही

सुसाइड नोट मृतक के परिजनों ने पुलिस को सौंप दिया है परंतु उसके बाबजूद भी पुलिस इस मामले में आरोपीयों को संरक्षण देते हुए जांच के बाद कार्यवाही की बात कह रही है। इस मामले में मृतक के परिजन पुलिस पर सुनवाई नही करने का आरोप लगा रहे है। मृतक के भाई अंकित रघुवंशी ने अपने भाई को इंसाफ दिलाने की मांग की है। प्रदीप रघुवंशी के घर से बरामद सुसाईड नोट में जो प्रदीप रघुवंशी ने लिखा है उसे हम सशब्द प्रकाशित कर रहे है।

पढ़िए सुसाइड नोट में क्या लिखा है प्रदीप रघुवंशी ने

में प्रदीप रघुवंशी आज आत्महत्या कर रहा हूंं। क्योकि मुझे कुछ लोग ज्यादा ही परेशान कर रहे है। प्रदीप रावत जिसने मुझसे मेरे चैक ले लिए,बो पिछली बार आईपीएल खेला था और हार गया था और जबरदस्ती मेंरे चैक ले लिए और स्टांप पर साईन करा लिए। और अब हर जगह मेरी बेज्जती करता है। दूसरा नाम है प्रेम शर्मा पुलिस लाईन जो पोहरी चौराहे बाली लाईन में रहते है। और उन्होने मुझे 30 हजार नगद दिए थे। बो भी 10 प्रतिशत के ब्याज पर।

तीन साल से ब्याज दे रहा था। पर अभी लॉकडाउन में सिस्टम बिगड गया। तो रोज फोन लगाकर धमकी देते है। उनके मिस्डकॉल मेरे फोन पर चैक कर सकते है। और एक और है संजय शर्मा खजूरी वाल। जो 10 प्रतिशत ब्याज पैसे देता है। अब मुझे जान से मारने की धमकी दे रहा है। मेरा सारा बिजनेस वैसे भी लॉकडाउन में बंद हो गया अब में बहुत परेशान हूं।

और आत्महत्या कर रहा हूं इसे आत्महत्या न समझे इसे मर्डर ही समझे, मेरी विनती है रघुवंशी समाज और पुलिस प्रशासन से कि इन लोगों को सजा दिलाए। मेरे कितनों के परिवार इन लोगों ने बर्वाद कर दिए। मूझे इंसाफ जरूर दिलाना और प्रेम शर्मा को ब्याज लेना भूुला देना। आपका प्यारा प्रदीप रघुवंशी टेक सिंह से आखरी बार रात 12 बजे बात हुई है। बो तो मेरा भाई है। उसको तो इन लोगों के बारे में बताया है।

यहां बता दे कि कुछ दिनों पूर्व प्रदीप रावत मृतक को उठाकर अपने घर ले गया था। जहां उसे मृतक को कमरे में बंद कर दिया था। उसके बाद मृतक के पिता कालूराम रघुवंशी प्रदीप के घर पहुंचे और पैसे कुछ दिनों बाद अपनी सेलरी से देने की बात कही। तब कही जाकर उक्त युवक को छोडा। 
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