
शिवपुरी। नरवर क्षेत्र में भव्य पंच कल्याणक प्रतिष्ठा गजरथ महोत्सव एवं विश्व शांति महायज्ञ की शुरूआत आज 7 मार्च से होने जा रही है जो आगामी 12 मार्च तक जारी रहेगा जिसमें भगवान के गर्भ कल्याणक, जन्म कल्याणक, तप कल्याणक, ज्ञान कल्याणक व मोक्ष कल्याणक के विभिन्न स्वरूपों के दर्शन और भक्ति का मार्गदर्शन मंगल सानिध्य प्रेरणा परम पूज्य कवि ह्दय मुनिश्री सुब्रत सागर जी महाराज के पावन सानिध्य में होगा। कार्यक्रम आयोजक सकल दिगम्बर जैन समाज नरवर, मगरौनी व आमोल है। कार्यक्रम में प्रतिष्ठाचार्य बा.ब्र.संजय भैया जी मुरैना द्वारा संपन्न कराई जाएगी।
जानकारी देते हुए प्रचार मंत्री सुरेन्द्र जैन बंटी ने बताया कि नरवर क्षेत्र के उरवाहा में 7 से 12 मार्च तक भव्य पंच कल्याणक प्रतिष्ठा गजरथ महोत्सव एवं विश्व शांति महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। जिसकी शुरूआत आज 7 मार्च रविवार को घटयात्रा, ध्वजारोहण, मण्डप शुद्धि, पात्र शुद्धि, इन्द्र प्रतिष्ठा, मण्डप प्रतिष्ठा, कलश स्थापना, देव आज्ञा, गुरू वंदना मुनिश्री के मंगल प्रवचनों के साथ होगी।
इसके तत्पश्चात 8 मार्च को गर्भ कल्याणक (उत्तररूप) के रूप में प्रात:6 बजे से अभिषेक, शांतिधारा, गर्भ कल्याणक पूजन, मुनिश्री के मंगल प्रवचन होंगें, दोप.12 बजे से माता की गोदभराई, मुनिश्री के मंगल प्रवचन, सायं 7 बजे से महाआरती, धर्मसभा, छप्पन कुमारियां द्वारा माता की सेवा, श्रृंगार, देव वंदना, महाराजा नाभिराय का दरबार, माता का आगमन एवं स्वप्न फलादेश होगा, 9 मार्च को जन्मकल्याणक मनाया जाएगा जिसमें प्रात: 6 बजे से अभिषेक, शांतिधारा, पूजन, तीर्थकर बालक का जन्म, जन्म की बधाईयां, सौधम्र इन्द्र का आसन कम्पायमान, ऐरावत हाथी पर अयोध्या नगरी की ओर प्रस्थान, शचि इन्द्राणि द्वारा तीर्थकर बालक का दर्शन कराना, मुनिश्री के मंगल प्रवचन सानिध्य में उपनयन, संस्कार एवं मंगल प्रवचन होंगें।
दोप.12 बजे भव्य जन्मकल्याणक जुलूस निकाला जाएगा पाण्डुक शिला पर 1008 कलशों से बालक तीर्थकर का जन्माभिषेक एवं बालक का श्रृंगार होगा, सांय 7 बजे से महाआरती, धर्मसभा, सौधर्म इन्द्र का ताण्डव नृत्य, बाल क्रीड़ा, पालना एवं सभी प्रतिमाओं का श्रृंगार होगा, 10 मार्च को तप कल्याणक मनाया जाएगा जिसमें प्रात: 6 बजे से अभिषेक, शांतिधारा, जन्मकल्याणक पूजन मुनिश्री के मंगल प्रवचन होंगें, दोप.12 बजे से युवराज बृषभ कुमार का विवाह संस्कार, नाभिराय का गृह त्याग, युवराज बृषभकुमार का राज्याभिषेक, महाराजा आदिकुमार के दरबार में 32 मुकुटबंद्ध, राजाओं द्वारा भेंट समर्पण, षटकर्म उपदेश, वर्ण व्यवस्था, नीलांजना नृत्य, वृषभकुमार का वैराग्य, बारह भावनाओं की प्रस्तुति, भरत बाहुबली का राजतिलक, महामण्डलेश्वर राजाओं की नियुक्ति, सौधम्र इन्द्र द्वारा दीक्षाभिषेक, लोकान्तिक देवों द्वारा वैराग्य की अनुमोदना, वन गमन, मुनिश्री द्वारा दीक्षा संस्कार एवं मंगल प्रवचन होंगें।
सायं 7 जे से महाआरती, धर्मसभा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगें, 11 मार्च को प्रात:6 बजे से अभिषेक, शांतिधारा, तपकल्याणक पूजन, मुनिश्री के प्रवचन, प्रात: 9 बजे से महामुनिराज वृषभसागर जी की आहारचर्या, दोप.12 बजे से ज्ञान कल्याण की आन्तरिक क्रियाऐं, तिलकदान, भक्तिपाठ, प्राण प्रतिष्ठा, सूरि मंत्र, केवलज्ञान उत्पत्ति, समवशरण की रचना, केवलज्ञान की पूजन, दिव्य ध्वनि का खिरना, समवशरण से मुनिश्री के मंगल धर्मोपदेश, संध्या 7 बजे से महाआरती, धर्मसभा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति होगी, कार्यक्रम के अंत में समापन 12 मार्च को प्रात: 6 बजे से जाप्यानुष्ठान, वृषभनाथ भगवान के द्वारा योग निरोध एवं कैलाश पर्वत पर ध्यानारूण, मुनिश्री द्वारा, णमोकार योग, कैलाश पर्वत से मोक्ष गमन, सिद्ध गुणारोपण, अभिषेक, शांतिधारा, मोक्षकल्याणक पूजन, मुनिश्री के मंगल प्रवचन, विश्व शांति महायज्ञ (हवन) एवं दोप.1 बजे से गजरथफेरी, मुनिश्री के मंगल प्रवचन एवं सम्पूर्ति कार्यक्रम के साथ समापन होगा। कार्यक्रम में समस्त सकल जैन समाज से कार्यक्रम में सपरिवार शामिल होने का आह्वान आयोजक कमेटीसकल दिगम्बर जैन समाज नरवर, मगरौनी व आमोल द्वारा किया गया है।