पिछोर। एक गलती ऐसी जिसकी भरपाई अब संभव नही है। इसका दर्द एक मासूम और उसके परिजन ही समझ सकते है कि आखिर इसकी भरपाई कैसे होगी। जब चिकित्सकों की लापरवाही से एक मासूम का पैर काटना पड रहा है।
जानकारी के अनुसार पिछोर अंतर्गत आने वाले खैरवास गांव में रहने वाले परिवार के यहाँ 1 जनवरी को स्वास्थ्य केंद्र पिछोर में डिलेवरी हुई थी। परिजन नव वर्ष में बेटे के आगमन पर खुशियां मना रहे थे। परंतु उन्हें क्या पता था कि उनकी खुशियां चंद दिनों की मेहमान हैं।
दरअसल दीपा आदिवासी पत्नि राम निवास आदिवासी निवासी खैरवास पिछोर के 1 जनवरी को स्वास्थ्य केंद्र पिछोर में डिलेवरी हुई थी। राम निवास के अनुसार उसके बच्चे को पिछोर अस्पताल में एक इंजेक्शन लगा था,उसके बाद से ही मासूम के पैर में सूजन बढ़ती जा रही थी।
इसकी जानकारी उसने वहां के स्टाफ को दी और उन्हें बताया कि इंजेक्शन के बाद से ही बच्चे के पैर की सूजन बढ़ती जा रही है तो इसी बात पर स्टाफ ने उन्हें भगाते हुए कहा कि हमने कोई इंजेक्शन नहीं लगाया और अब तुम अस्पताल में नजर भी मत आना स्टाफ के डर से हमने अस्पताल जाना छोड़ दिया।
राम निवास के अनुसार जब बच्चे के पैर में ज्यादा परेशानी हुई तो हम बच्चे को जिला चिकित्सालय लेकर आए हैं। जहां डाॅक्टरों ने बताया कि उसे गैंगरीन नामक बीमारी है। जिसके चलते उसका पैर अब काटना पडेगा।
इनका कहना है
बच्चे के पैर में सूजन बढती जा रही है उसका हमारे यहाँ इलाज संभव नहीं है इसलिए परिजन उसे जिला चिकित्सालय में लेकर गए हैं। रहा सवाल स्टाफ की लापरवाही का तो ऐसा कुछ नहीं है।
डॉ एस के वर्मा, बी एम ओ पिछोर
ये बोले जिम्मेदार
सनी नाम का बच्चा कल हमारे यहाँ आया है मैंने देखा है इंफेक्शन के कारण बच्चे को गैंगरीन की बीमारी लग रही है जिसका ऑपरेशन करके पैर काटना पडेगा। अपने यहाँ संभव नहीं है ग्वालियर रैफर करना पड़ सकता है।
डॉ ओ पी शर्मा,अस्थि रोग विशेषज्ञ, जिला चिकित्सालय शिवपुरी