कलेक्ट्रेट में देवता का अपमान,3 दिन से भूखा बैठा रहा, हडका कर भगा दिया गया - Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। वर्तमान समय में किसानो की मुद्दे पर राजनीति हो रही हैं,सरकारे प्रतिदिन किसानो के प्रति चासनी से लपटे शब्द बोल रही हैं,शब्दो से ऐसा लगता है कि प्रत्येक किसान में गाय के समान चैरासी कोट के देवता हो,लेकिन शिवपुरी जिले में इससे बिल्कुल उलट हैं देवता का अपमान किया गया,पूरे दिन तीन भूखे बैठा रहा ओर उसका काम नही किया ओर उल्टा हडका कर भगा दिया गया।

भारत देश में जय जवान और जय किसान नारे की भी गुंज हें। किसानो को वोटो पर चढकर मप्र में कांग्रेस ने भाजपा का तख्ता पलट किया था,लेकिन सिंधिया सरकार नही माने तो कांग्रेस का तख्ता पलट गया और मप्र पर शिवराज का राज हो गया। हमारे यहां किसान को अन्नदाता माना गया हैं अन्नदाता की संधि विच्छेद करे तो अन्न देवता होता है।

शिवपुरी में एक ऐसे ही देवता का अपमान किया गया है। एक किसान ने सीमांकन न किए जाने से नाराज होकर कलेक्ट्रेट में ही धरना शुरू कर दिया था। उसे लगा कि शायद भूखे-प्यासे धरने पर बैठने से प्रशासनिक अधिकारियों का दिल पसीज जाएगा और उसकी जमीन का सीमांकन हो जाएगा।

लेकिन प्रशासन ने सीमांकन करवाने की बजाय किसान को इतना डराया - धमकाया कि वो निराश होकर गुरुवार की शाम को वापस अपने गांव चला गया। किसान का कहना था कि यदि मुझे कुछ हुआ तो इसका जिम्मेदार प्रशासन होगा।

जिले की नरवर तहसील के ग्राम धमधौली में रहने वाले कृषक ओमकार रावत ने बताया कि उसके जीजा रामेश्वर पुत्र हरभजन सिंह रावत ने तीन साल पूर्व कैलाश पुत्र पारीक्षक वंशकार से 7 बीघा 5 बिस्वा जमीन खरीदी थी।

इस जमीन का सीमांकन कराने के लिए वह संबंधित पटवारी को 7 हजार रुपए भी दे चुके हैं , लेकिन इसके बाद से अभी तक उस जमीन का सीमांकन नहीं किय गया। इस दौरान वो पटवारी , तहसीलदार से लेकर एसडीएम के पास भी कई बार चक्कर काट चुका हैं, लेकिन हर.बार अधिकारी उसको कोई न कोई कमी बताकर उसे चलता कर देते है ।


इसलिए पूरे मामले को लेकर ओमकार व उसके जीजा सहित दीदी तीनो कलेक्टर कार्यालय पर धरने पर बैठ गए थे । मंगलवार को जब किसान व उसके परिजन धरने पर बैठे तब उन्हें समझाने के लिए एडीएम आरएस बालौदिया व जिला पंचायत सीईओ एचपी वर्मा आए थे , लेकिन किसान का कहना था कि पहले उनका काम कराया जाए , तभी वह यहां से हटेंगे ।

मंगलवार से धरने पर बैठे इस कृषक परिवार को वहां से हटाने के लिए पुलिस की मदद से उन्हें रैन बसेरा में पहुंचा दिया गया । बकौल ओमकार , हमें पुलिस ने धमकाया भी कि यदि यहां से नहीं हटे तो तुम्हारे खिलाफ मामला दर्ज हो जाएगा ।

परेशान व निराश होकर किसान अपने परिवार सहित आज गांव रवाना हो गया। कृषक का कहना है कि तीन दिन तक भूखे रहने से मेरी तबियत बिगड़ गई है और प्रशासन मेरी सुनवाई नहीं कर रहा है । पीड़ित ने कहा कि घर-परिवार के बीच में यदि मेरे साथ कुछ हुआ तो इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
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