शिवपुरी। साल 2020 में वह सब कुछ ऐसे हो रहा है, जो कभी किसी सदी में आजतक नहीं हुआ। नवरात्र पूरे एक महीने लेट आ रहे हैं। महामारी के कारण मंदिरों में दूरी बनाई रखनी पड़ेगी। रामलीला और रावण दहन का उत्साह फीका होगा। दिवाली के गिफ्ट और शुभकामनाओं का आदान प्रदान, मोबाइल पर ही अधिक रहेगा। पर्यावरण दूषित न हो, संक्रमण न हो, इस लिए, मिठाई, मेवे, दीवाली की फुलझडय़िां, पटाके आदि सोशल मीडिया और टीवी पर ही देखे जा सकेंगे। अर्थात हर त्योहार मद्धम मद्धम, फीका फीका रहेगा।
मंशापूर्ण ज्योतिषाचार्य पंडित विकासदीप शर्मा के अनुसार अधिकमास समाप्त होने के बाद नवरात्र 17 अक्टूबर को शुरू हो जाएगा। विजय दशमी 25 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस बार नौ दिनों में ही दस दिनों का पर्व पूरा हो जाएगा। इसका कारण तिथियों का उतार चढ़ाव है। 24 अक्तूबर को सुबह 6 बजकर 58 मिनट तक अष्टमी है और उसके बाद नवमी लग जाएगी, दो तिथियां एक ही दिन पड़ रही है। इसलिए अष्टमी और नवमी की पूजा एक ही दिन होगी। जबकि नवमी के दिन सुबह 7 बजकर 41 मिनट के बाद दशमी तिथि लग जाएगी।
इस कारण दशहरा पर्व और अपराजिता पूजन एक ही दिन आयोजित होंगे। कुल मिलाकर 17 से 25 अक्टूबर के बीच नौ दिनों में दस पर्व संपन्न हो रहे हैं। वहीं प्रतिपदा तिथि 17 अक्टूबर की रात 1 बजे से प्रारंभ होगी। प्रतिपदा तिथि 17 अक्टूबर की रात 9 बजकर 08 मिनट पर समाप्त हो जाएगी।
इसके बाद आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि, यानी 17 अक्टूबर को घट स्थापना मुहूर्त का समय सुबह 6 बजकर 27 मिनट से 10 बजकर 13 मिनट तक का है। अभिजित मुहूर्त प्रात:काल 11 बजकर 44 मिनट से 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा।