शिवपुरी। जिले में औसत से कम बरसात होने के कारण अपनी फसल को लेकर परेशान दिखाई देने वाले किसानों के चेहरों पर दो दिन से लगातार हो रही बरसात ने मुस्कराहट पुन: लौटा दी।
देखा गया था कि पानी की कमी के चलते खेतों में सूखने की कगार पर पहुंची सोयावीन, मुंगफली, मूंग, बाजरा, उड़द, अजबाईन, टमाटर, सहित अन्य फसलें पानी की पूर्ति होने से खेतों में हरी भरी होकर लहलाने लगी हैं। जिले में दो दिन से हो रही बरसात को किसान श्री राम जन्म भूमि शिला पूजन निर्माण से भी जोडक़र देख रहे हैं।
जिले में गत वर्ष की तुलना में दो अगस्त तक 100 मि.मी. से कम बरसात होने के कारण किसानों की खेतों में खड़ी फसल को पानी की कमी महसूस हो रही थी। इतना ही नहीं जिले कुछ तहसीलों में कम बरसात के कारण फसल सूखने के कगार पर पहुंच गई थी। जिससे किसानों के चेहरों पर फसल को लेकर चिंता की लकीरें साफ-साफ नजर आने लगी थी।
लेकिन दो दिन से हो रही बरसात ने किसानों के चेहरों पर न केवल पुन: मुस्कराट लौटा दी बल्कि उनके खेतों में खड़ी फसल पर्याप्त पानी मिलने के कारण पुन: हरी भरी होकर तरो ताजा दिखाई देने लगी। दो दिन में जिले में 75.84 मि.मी. रिकार्ड वर्षा दर्ज की गई है। जबकि 2 अगस्त तक मात्र 259.96 मि.मी. बरसात हुई थी।
अभी तक 335.8 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज
शिवपुरी जिले में 01 जून 2020 से अभीतक 335.8 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। जिले में गत वर्ष आज दिनांक तक 378.2 मि.मी. वर्षा हुई है। भू-अभिलेख शिवपुरी के अधीक्षक ने बताया कि जिले की औसत वर्षा 816.3 मि.मी. है। गत वर्ष जिले में कुल 1049.16 मि.मी. वर्षा रिकॉर्ड की गई थी।
बताया कि अभी तक शिवपुरी में 282.60 मि.मी., बैराड़ में 389 मि.मी., पोहरी में 263 मि.मी., नरवर में 467 मि.मी., करैरा में 436.4 मि.मी., पिछोर में 161.4 मि.मी., कोलारस में 362 मि.मी., बदरवास में 407.50 मि.मी. एवं खनियांधाना में 253 मि.मी. वर्षा दर्ज हुई है।
5 अगस्त से पूर्व 259.96 मि.मी. हुई बरसात
गत वर्ष 4 अगस्त तक जिले में 354.2 मि.मी. बरसात दर्ज की गई थी। जबकि इस वर्ष 259.96 मि.मी. औसत बरसात दर्ज हुई हैं। जो कि फसल के लिए आवश्यकता से कम बरसात थी। लेकिन दो दिन से लगातार जिले भर में हो रही बरसात ने फसल में दिखाई देने वाली पानी की कमी को पूरा कर दिया हैं।