शनि जंयती 22 मई को: सालों बाद बन रहा यह दुर्लभ संयोग, 4 ग्रह एक ही रााशि में / Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवुपरी। शनिदेव का जन्मोत्सव ज्येष्ठ मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है. इस बार शनिदेव जयंती 22 मई को मनाई जाएगी पंडित लक्ष्मीकांत शर्मा  मंशापूर्ण मंदिर के अनुसार इस बार अमावस्या तिथि 21 मई को शाम 09 बजकर36 मिनट से शुरू होकर 22 मई को रात 11 बजकर 08 मिनट तक रहेगी।

इसलिए शनि अमावस्या 22 मई को मनायी जाएगी. ऐसी मान्यता है कि साढ़ेसाती, ढैय्या और महादशा जैसे शनि से जुड़े दोषों से निजात पाने के लिए शनि अमावस्या पर शनिदेव की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार जिन लोगों को हमेशा कष्ट, निर्धनता, बीमारी व अन्य तरह की परेशानियां होती हैं, उन्हें भगवान शनिदेव की पूजा जरूर करनी चाहिए.

शनि जयंती पर बन रहा दुर्लभ संयोग

शनि जयंती पर इस साल ग्रहों की विशेष स्थिति रहेगी, जिसके कारण सालों बाद बेहद दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस बार शनि जयंती पर चार ग्रह एक ही राशि में स्थित होंगे और इस दिन शनि मकर जो कि उनकी स्वराशि है, उसमें बृहस्पति के साथ रहेंगे। वर्तमान में 5 ग्रह वक्री चल रहे हैं ग्रहों की ऐसी स्थिति सालों पहले बनी थी, और अब ऐसा संयोग अगले कई सालों तक  नहीं बनेगा

शनि जयंती पर सूर्य देव, चंद्र, बुध और शुक्र एक साथ वृषभ राशि में विराजमान रहेंगे। इन 4 ग्रहों के एक साथ उपस्थित होने से जन-जीवन और देश की अर्थव्यवस्था के ऊपर काफ़ी प्रभाव पड़ेगा।  

पं लक्ष्मीकांत शर्मा के अनुसार इस स्थिति के कारण देश में न्याय और धार्मिक गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी। साथ ही देश की कानून व्यवस्था व व्यापारिक नीतियों में भी बदलाव होगा और प्राकृतिक आपदाओं और महामारी से राहत पाने की दिशा में हमारे प्रयासों की सराहना होगी। इस संयोग के कारण खेती को बढ़ावा मिलेगा और चीजों के उत्पादन की गति भी तेज़ हो जाएगी।

इस दिन देशभर में प्रमुख शनि मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है, हालाँकि देश में फैली महामारी को देखते हुए हम आपको यही सलाह देंगे कि सार्वजनिक जगहों पर जाने से बचें और पूजा-पाठ आदि जैसे सभी धार्मिक कार्य अपने घरों में रहते हुए करें।
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