शिवपुरी। समर्थन मूल्य पर बुधवार से शिवपुरी जिले में गेहूं, चना, मसूर व सरसों की खरीदी का कार्य की खरीदी शुरू कर दी गई है। लेकिन पहले दिन सारे उपार्जन सूने नजर आए। पहले दिन मात्र 301 क्विंटल गेहूं ही तुला है। जबकि जिले में 70 केंद्र बनाए हैं और यहां 6-6 की संख्या के मान से करीब 420 किसानों को मैसेज भेजने का दावा अधिकारी कर रहे हैं। जबकि पहले दिन महज 11 किसान अपनी उपज लेकर पहुंचे।
जबकि जिन किसानों को मैसेज पहुंचने का दावा किया जा रहा है, उनका कहना है कि हमारे पास कोई मैसेज नहीं आया और ना ही किसी ने फोन करके सूचना दी है। इतने कम किसान इसलिए बेचने आए क्याेंकि किसानाें काे पूरे रकबे के बजाए टुकड़ाें में उपज बेचने के मैसेज भेजे गए।
मान लीजिए किसी किसान की तीन गांवाें में खेती है ताे किसानाें काे अभी जाे मैसेज भेजे गए वाे गांव के हिसाब से भेजे गए। इसलिए किसान बेचने ही नहीं गए क्याेंकि वे एक साथ पूरी उपज बेचना चाहते हैं।
जानकारी के अनुसार लॉक डाउन के बीच प्रदेश सरकार ने समर्थन मूल्य पर 15 अप्रैल से प्रारंभ करा दी है। शिवपुरी जिले में 46 हजार से अधिक किसानों ने गेहूं का पंजीयन कराया है। इसके लिए जिले में कुल 70 उपार्जन केंद्र बनाए हैं। पहले दिन हर उपार्जन केंद्र पर 6-6 किसानों को गेहूं तुलवाने के लिए मंगलवार को ही मैसेज भोपाल से भेजने की बात अधिकारियां द्वारा कही जा रही है।
इस लिहाज से 420 किसानों को मैसेज जारी हुए हैं। जिन किसानों को मैसेज भेजे हैं, उनकी सूचियां संबंधित सोसायटियों को ऑनलाइन भेज दी हैं। लेकिन इनमें से ज्यादातर किसान नहीं आए। चार-पांच सोसायटियों पर भी एकाध किसान पहुंचा। दूसरे किसान मैसेज ना आने की बात कहते नजर आए।
सोसायटियों से भी किसी ने किसानों से संपर्क नहीं किया। वहीं भोपाल से जो मैसेज भेजे हैं वह गांवों को आधार मानकर रकवे के हिसाव से मैसेज भेज दिए। जबकि किसान सारे रकवे के मान से मैसेज भेजने की मांग कर रहे हैं। किसान टुकड़ों में अपनी फसल लेकर आना नहीं चाहते। इसमें उपार्जन केंद्र तक ले जाने का भाड़ा ज्यादा लग जाएगा।