शिवपुरी। देश में कोरोना के कारण मेडिकल कफ्यू घोषित किया हैं,और इसको नाम दिया लॉकडाउन का। शिवपुरी जिला कोरोना मुक्त हैं पूरा जिला कोरोना से लड रहा हैं। कोरोना को हम हरा चुके हैं,लेकिन अस्पताल की लापरवाही पर हम विजय प्राप्त नही कर सके।
बीती रात अस्पताल में एक 14 वर्षीय बालक की मौत का मामला प्रकाश में आया हैं। इस बालक की डॉक्टरो ने छुटटी कर दी,लेकिन घर पहुंचते ही उसकी हालत गंभीर होने लगी,पुन:उसको अस्पताल लाया गया,जहां उसकी मौत हो गई।इस मौत पर अस्पताल में कोई मुंह खोलने को तैयार नही है। उसे रैफर किया जाना था,लेकिन उसे रैफर नही किया। परिजनो ने बताया कि उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी।
जानकारी के अनुसार अकेंश चंदेल उम्र 14 साल पुत्र सुरेश चंदेल की तबीयत 20 मार्च को खराब हुई। परिजनो ने बताया कि उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। 2 दिन कि उसका अस्पताल में भर्ती रखा गया और उसका ईलाज किया गया। 22 मार्च को उसकी दोपहर अकेंश का पूर्ण स्वस्थय बताकर उसकी अस्पताल प्रबंधन ने छुटटी कर दी।
बताया गया हैं कि देर शाम को उसकी घर पर फिर तबीयत खराब होने लगी। परिजन तत्काल उसे अस्पताल में लाया गया। भर्ती कराया गया नर्स ने इंजेक्शन लगाया और उसके हाथ से निकाला जैसे ही अकेंश अपनी जिंदगी से हार गया और उसकी मौत हो गई। इस पूरे मामले में अस्पताल की प्रबंधन पर सवाल उठ रहे हैं ।
मजदूर पिता का 5 संतानो में अकेला पुत्र था मृतक अंकेश
बताया गया हैं कि अंकेश के पिता सरेश चंदेल मजदूरी का कार्य करते हैं अंकेश घर का इकलौता चिराग था। उससे बडी 4 बहने है। इस इकलौते चिराग के बुझ जाने के कारण पूरो परिवार सदमें हैं। इस हद्धय विदारक घटना में अकेंश के दादा खैरू चंदेल उम्र 70 साल सर पटक-पटक कर अस्पताल में रो रहे थे। बस अपने पोते की मौत के कारण की जिज्ञासा उनके मन में थी।
डॉक्टर नही बता पाए बीमारी,नर्स घटना के बाद हुई गायब
वहां पर कुछ समझदार लोगो ने इस मामले को समझा और ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर से पूछताछ की। कोरोना काल में डॉक्टर मास्क पहनकर बैठे थे शक्ल से पहचान नही हो पा रही है। युवक बार-बार इसकी मौत का कारण पूछ रहे थे लेकिन डॉक्टर निरूतर थें। नर्स ने कहा कि जिस नर्स ने इंजेक्शन लगाया उसी से पूछो।
वर्तमान में शिवपुरी कोरोना मुक्त हैं। एक-एक जान की कीमत हैं,लेकिन अस्पताल में लापरवाही के कारण हुई मौतो की कोई कीमत नही हैं यह सबसे बडा आज सवाल बन रहा है। मेडिकली पास के लिए भी लोगो को एसडीएम आफिस में परेशान किया जा रहा हैं।
अस्पताल की एक नर्स को मेडिकल की अनुमति नही मिलने के कारण वह वहा भडक गई थी,वही कल शाम को एसडीएम ने शहर के पत्रकार को मेडिकल की अनुमति के लेकर अभद्रता कर दी थी। अभद्रता से भरा विडियो सोशल पर वायरल हो रहा है,जब एक-एक जान की कीमत हैं तो क्या सिर्फ कोरोना की चिंता हैं दूसरी गंभीर बीमारियो से जान नही जाती है क्या.....उसकी इस कोरोना काल में नही होगी।
