धामौरा मंदिर में सफाई करते समय पुजारी को पुलिस ने जमकर पीटा | Shivpuri News

Bhopal Samachar
पोहरी। जिले के पोहरी अनुविभाग के अंतर्र्गत आने वाले धामौरा हनुमान मंदिर के महंत सुबह झाड़ू लगाकर साफ सफाई कर पूजा अर्चना की तैयारी कर रहे थे तभी दो पुलिस कर्मी वहां पहुंचे और महंत पर लाठियां बरसाने लगे उन्होंने कहां कि तुम को पता नहीं हैं कि अभी कफ्र्यू लगा हुआ हैं और तुम मंदिर खोले हुए हैं। इतने में पोहरी एसडीएम भी वहां आ पहुंची पुजारी को खरी खोटी सुनाने लगी जिससे और पुलिस कर्मियों से अपने सामने ही उन्हें जमकर लाठियां से मारपीट कर दी।

जिससे साफ जाहिर होता हैं कि जिला प्रशासन मानवता पूरी शर्मशार कर दी हैं। क्योंकि एक मंदिर में पुजारी को पुजा अर्चना करने वाले महंत के साथ इस तरह की घटना से प्रशासन क्या जाहिर करना चाहती हैं और जनता में क्या संदेश देना चाह रही हैं। जबकि मंदिर के पुजारी मंदिर अकेले थे और मंदिर में साफ सफाई कर रहे थे। इस बात का शिकायती आवेदन धामौरा मंदिर के महंत बालगिरी महाराज ने पुलिस अधीक्षक को एक शिकायती आवेदन सौंपा जिसमें पूरे मामले की जांच कराने की बात कहीं हैं।

पुलिस कर्मियों का शिकार बना बिकलांग दूध डेयरी संचालक

बीते रोज शहर में एक तरफ तो जिलाधीश अनुग्राह पी ने दूध सफाई के लिए सभी डेयरी संचालकों को आदेश जारी कर दिए थे। इसके बाद भी दूध डेयरी संचालक ने अपनी डेयरी की दुकान न खोलते हुए अपनी दुकान के बाहर दो कैनों में दूध के पैकेटों को रखकर विक्रय कर रहे थे तभी चार पुलिस कर्मी अपने वाहन में  वहां भरकर आ खड़े हुए और डेयरी संचालक की आवाज लगाकर उसे बुलाया जिस पर बिकलांग डेयरी संचालक मुकेश जैन वहां आया और उसे एक पुलिस कर्मी अपनी लाठियां का शिकार बना डाला।

उससे बगैर कोई सवाल जवाब किए बेताहासा लाठियां भांजी इतना ही नहीं डेयरी संचालक के कर्मचारी के हाथ में लाठी मारी जिससे उसका हाथ तक फैक्चर हो गया। इससे साफ जाहिर होता हैं कि पुलिस कर्मियों की मानवता मर चुकी हैं। जाहिर होता हैं कि शासन के आदेश की आड़ में अपनी स्वयं टीश निकालने में लगे हुए हैं। इस समय प्रशासन  सिर्फ कफ्र्यू के आदेश का पालन कराने के लिए लगाया गया हैं न की उन्हें दूसरों हाथ फैक्चर करने के लिए।

क्या एक विकलांग दुकान संचालक मुकेश जैन ने एक आवेदन के माध्यम से दोषी पुलिस कर्मी के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही करने की मांग की हैं और कहा हैं कि जब मेरी दुकान बंद थी तो पहले मेरी दुकान पर ही क्यों आए जबकि मेरा कर्मचारी दुकान के बाहर दूध की विक्रय का काम कर रहा था। उसी के सामने कई अन्य लोग भी कैन रखकर दूध विक्रय कर रहे थे उन पर क्यों कार्यवाही नहंी की यह सवाल खड़ा नजर आ रहा है। जिसकी वैधानिक कार्यवाही की जाए और दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए।