भाजपा सरकार के किंगमेकर बने सिधिया क्या शिव के राज को NOC देंगें सिंधिया

Bhopal Samachar
शिवपुरी। प्रदेश के सीएम कमलनाथ के इस्तीफा देते हैं प्रदेश में कमल का उदय हो गया।15 महिने बाद प्रदेश मे पुन:भाजपा सरकार बनाने की तैयारी कर रही हैं। भाजपा की सरकार बनाने के लिए रास्ता साफ हैं। भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व प्रदेश के सीएम की खोज कर रहा हैं। 2 नाम चर्चाओ में है,प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिहं,केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर।

कांग्रेस की पूर्ण बहुमत सरकार का तख्ता पलट करने वाले ग्वालियर राजघराने के महाराज ज्योतिरिदित्य सिंधिया भाजपा की नवनिर्मित सरकार के किंगमेकर की भूमिका हैं। राजनीति इस परिदृध्य में कुछ ऐसा ही दिख रहा हैं। अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया कांगेस को नमस्ते नही करते तो उनके समर्थक 22 समर्थक विधायक इस्तीफा नही देते।

इन्ही 22 विधायको के कांग्रेस के हाथ से छुट जाने के कारण ही कमलनाथ इस्तीफा देने का मजबूर हुए हैं,17 दिन तक चल इस घटनाक्रम में भाजपा को अप्रत्याशित रूप से सत्ता में लाने का पूरा श्रेय ज्योतिरादित्य सिंधिया को जाता हैंं। नई बनने वाली सरकार के मुखिया की खोज में सिंधिया की एनओसी मायने मानी जा रही हैं।

अब सवाल यह बन रहा हैं कि ग्वालियर राजघराने के महाराजा शिवराज सिंह को एनओसी देगें। इस बार के हुए मप्र के आम विधानसभा चुनावो में शिवराज ने ज्योतिरादित्य सिंधिया और सिंधिया राजवंश पर पर्सनल हमले किए थे,शिवराज ने सन 57 के गीत सुनाए थे।  


शिवराज सिंह के बयान पर यशोधरा राजे सिंधिया भी नाराज हो गई थी

याद दिला दें कि जब अटेर विधानसभा उपचुनाव में शिवराज सिंह चौहान ने 1857 की क्रांति का जिक्र करते हुए सिंधिया राजपरिवार को गद्दार करार दिया था, तब उनके इस बयान को अनुपयोगी बताते हुए काफी विरोध हुआ था। यहां तक कि भाजपा नेता यशोधरा राजे सिंधिया भी उनसे नाराज हो गई थी। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने तो इस बारे में शिवराज सिंह को जवाब भी दिया था।

शिवराज सिंह ने कई बार दोहराया था 'अंग्रेजों के मित्र सिंधिया ने छोड़ी राजधानी थी'

तमाम विरोध के बावजूद शिवराज सिंह चौहान ने 2017 और 2018 में कई बार सिंधिया राजपरिवार को लेकर अपना बयान दोहराया था। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्पष्ट किया था कि उन्हें अपनी निंदा पर कोई आपत्ति नहीं है परंतु राजमाता विजयराजे सिंधिया द्वारा स्थापित की गई पार्टी के नेता यदि इस तरह का बयान देते हैं तो यह राजमाता विजयराजे सिंधिया का अपमान है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस बयान के बावजूद शिवराज सिंह चौहान अपने बयान पर टिके रहे। उनकी सोशल मीडिया टीम ने उनके बयान को काफी वायरल किया था।

अब समय बदल गया हैं शिवराज सिंह को सीएम की कुर्सी तक पहुचने के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया की एनओसी की आवश्यता होंगी। ऐसे में इस सरकार के किंगमेकर बने सिंधिया शिव को राज करने के लिए पुरानी बाते भूल गर एनओसी देंगें,सवाल बडा हैं और शिवराज के रास्ते में खडा हैं। 
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