नियमों की ताक पर बिना पार्किंग के संचालित है बैंक और व्यवसाईक संस्थान, बिल्डर्स लगा रहे है चूना | Shivpuri News

Bhopal Samachar
सतेन्द्र उपाध्याय/शिवपुरी। इन दिनो पूरे प्रदेश में एन्टी माफिया मुहिम माफियाओं के पीछे हाथ धोकर पडी है। परंतु शिवपुरी में हालात जैसे पहले थे बैसे ही है। महज कुछ गरीबों के घरों को तोडकर प्रशासन अपने यहां एन्टी माफिया मुहिम के नाम पर कमलनाथ सरकार को गुमराह कर रहा है। परंतु यहां हालात जस के तस है। शहर की यह हालात है कि यहां शासकीय और प्रायवेट बैंक सहित अन्य प्रतिष्ठिानों के नाम लगा शासन से लाखों रूपए एंठने बाले शहर के बिल्डरों पर प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है।

यह बिल्डर्स सरेआम अपनी जेबें तो भर रहे है। परंतु इन्हें पब्लिक की परेशानी से मतलब नहीं है। हालात यह है कि इस व्यापारिक संस्थानों के बाहर आने बाले उपभोक्ता प्रतिष्ठिान के बाहर ही पार्किग स्थल बनाकर अपने काम अंदर करने जा रहे है। जिसके चलते शहर की हालात यह है कि प्रत्येक बैंक और बडे बडे व्यापारिक संस्थानों के आगे आए दिन जाम की स्थिति देखने को मिलती है।

इन दिनो शहर की यह हालात है कि यहां शहर के मेन रोड पर संचालित सभी राष्ट्रीयकृत बैंक जैसे भारतीय स्टेट बैंक माधवचौक,एक्सिस बैंक,बैंक आफ बडौदा,एसबीआई गुरूद्धारा सहित शहर के लगभग सभी बैंक के परिसरों में वाहनों की पार्किंग के कोई इंतजाम नहीं हैं। ऐसे में बैंक में कामकाज के लिए आने वाले उपभोक्ता रोड पर ही अपने दो और चार पहिया वाहन खड़े करते हैं।

रोड पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बन रही है। साथ ही बैंक में आने-जाने के दौरान उपभोक्ताओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। शहर में पार्किंग की सबसे ज्यादा खराब स्थिति स्टेट बैंक और सैंट्रल बैंक शाखा के सामने है। भारतीय स्टेट बैंक के सामने वाहनों की कतार न केवल यातायात को प्रभावित करती है, बल्कि बैंक में आने-जाने वाले उपभोक्ताओं को भी दिक्कत होती है।

दोनों ही जगह बैंक प्रबंधन ने मेन रोड की सड़क को ही अघोषित रूप से पार्किंग बना डाला है। मेन रोड पर अन्य राष्ट्रीयकृत बैंकों की शाखाएं भी संचालित हैं। इसमें कैनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा आदि शामिल हैं। इनमें से किसी के भी पास पार्किंग व्यवस्था नहीं है। परंतु सबसे ज्यादा वाहनों की कतारें स्टेट बैंक और सैंट्रल बैंक के सामने ही लगती हैं। इससे कई बार शहर में मेन रोड पर ट्रैफिक व्यवस्था भी लड़खड़ा जाती है।

लोगों को पैदल गुजरना भी होता है मुश्किल

मालूम हो शहर में अन्य बैंकों की तुलना में भारतीय स्टेट बैंक और सैंट्रल बैंक का कामकाज ज्यादा है। सैंट्रल बैंक शहर के बीचों बीच स्थिति है। जिससे उपभोक्ताओं की संख्या भी अपेक्षाकृत अधिक है। स्टेट बैंक और सैंट्रल बैंक में रोज सैकड़ों उपभोक्ता आते है। परंतु दोनों ही बैंक की अपनी कोई पार्किंग व्यवस्था नहीं है। इसलिए यह उपभोक्ता बैंक के सामने ही मेन रोड पर अपने दो पहिया वाहन खड़े कर देते हैं।

बैंकों के सामने बेहतरीब खड़े ये वाहन कई बार मेन रोड की ट्रैफिक व्यवस्था को बिगाड़ देते हैं। कभी कभार तो सड़क पर जाम तक लग जाता है। वही बैंक मेंं पैदल जाने वालों को भी खासी मशक्कत करनी पड़ती हैं। इसमें निशक्त और बुजुर्ग उपभोक्ताओं को ज्यादा परेशानी होती है।

इस कारण रोड से अन्य वाहनों को निकालना मुश्किल हो जाता है। परंतु बैंक प्रबंधन के पास पार्किंग का कोई इंतजाम नहीं है। ऐसे में उपभोक्ताओं के साथ राहगीरों और वाहन चालकों को परेशानी होती है।

अलग से पार्किंग व्यवस्था होना जरूरी

मेन रोड पर बैंक के सामने वाहन खड़े होने से ट्रैफिक व्यवस्था बिगड़ जाती हैं। रोड से गुजरने वाले वाहन चालकों को भी कठिनाई होती है। कई बार इन दोपहिया वाहनों को टक्कर भी लग जाती हैं। इससे विवाद की स्थिति बनती होती है। किंतु बैंक प्रबंधकों का बेहतर पार्किंग व्यवस्था पर कोई ध्यान नहीं है।

मालूम हो कि मेन रोड से रोजाना सैकड़ों की ट्रक, डंपर, बसें, कार, जीप, स्कूल बसें आदि निकलते हैं। यहां यह तथ्य दिलचस्प है कि शासन के नियमानुसार जब मैरिज गार्डन, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मल्टी इमारतों के लिए पार्किंग व्यवस्था अलग से रखना अनिवार्य है, फिर यह नियम बैंकों के लिए लागू क्यों नहीं है।

शहर के कॉम्प्लेक्सों में भी नहीं है पार्किग,दिन भर विगडते रहते है हालात

यहां बात शहर के बैंकों की नहीं वल्कि पूरे शहर की है। जिसके चलते यहां हालात यह कि बैंकों और अन्य व्यवसाईक मल्टीयों से मालिक किराया तो लाखों बसूल रहे है। परंतु एग्रीमेंट से पहले पार्किंग ऐरिया दिखाकर शासन को चूना लगा रहे है। अगर हालात में अब भी सुधार नहीं हुआ तो एक दिन यहां बडी घटना होना तय है।

इनका कहना है
हम इन बैंकों से खुद परेशान है,हम आए दिन यहां कार्यवाही भी करते है। परंतु पार्किग के लिए जगह ही नहीं है तो फिर शहर के लोग अपने वाहनों को कहा ले जाएगे। हम लगातार यहां कार्यवाही करते रहते है। फिर भी यह नहीं सुधर रहे है।
रणवीर सिंह यादव, यातायात प्रभारी शिवपुरी। 
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