पापियों के पाप को नष्ट करने लिया था भगवान श्रीकृष्ण ने अवतार: शास्त्री रामेश्वर दयाल जी | Bairad News

Bhopal Samachar
बैराड। इन दिनों जिले के बैराड क्षेत्र के ग्राम पंचायत टौरिया के ग्राम गौंदोली पुरा में चल रही भागवत कथा के दौरान शास्त्री रामेश्वर दयाल शर्मा ने कृष्ण जन्म की कथा का उल्लेख किया। श्रीमद भागवत कथा का श्रृवण कराते हुए शास्त्री जी ने बताया कि पूरी भगवान श्री कृष्ण ने कलयुग में पापियों का नाश करने के लिए ही जन्म लिया।

कथा का बाचन करते हुए बताया कि यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्।। परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे।। गीता के इस श्लोक में भगवान श्रीकृष्ण ने अपने अवतार का रहस्य बताया है। भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा कि हे भारत संसार में जब-जब धर्म की हानि होती है और अधर्म बढ जाता है तब-तब धर्म की पुर्नस्थापना के लिए मैं अवतार लेता हूं। द्वापर युग में क्षत्रियों की शक्ति बहुत बढ़ गई थी वह अपने बल के अहंकार में देवताओं को भी ललकारने लगे थे।

इसके अलावा हिरण्यकश्य और हिरण्याक्ष ने रूप बदलकर धरती पर जन्म लिया था जिनका अंत करने के लिए भगवान विष्णु को स्वयं अवतार लेना था। इनके अलावा और भी कई कारण थे जिनके कारण भगवान को द्वापर के अंत में अवतार लेना पड़ा। पृथ्वी पर जब- जब पाप और अत्याचार बढ़ता है तब- तब प्रभू अवतार लेकर पापियों और दुष्टों का संहार करते हैं। श्रीहरि ने कृष्ण अवतार भी इसलिए लिया था।

उन्होंने अपने श्रीकृष्ण जन्म में पूतना के संहार के साथ ही राक्षसों का संहार शुरू कर दिया था।  कथा में उन्होंने कहा कि कृष्ण ने पूतना के वध से पापियों का संहार शुरू किया था। आखिर में उन्होंने कंस का भी संहार किया। कथा के दौरान उन्होंने कृष्ण ने बाल लीलाओं का भी वर्णन किया। कथा के दौरान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर आकर्षक झांकी सजाई गई और अन्य कार्यक्रम भी किए गए।
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