अरविंद सिंह तोमर,रन्नौद। बैसे तो इन दिनों पूरे जिले में बस संचालक पब्लिक के साथ टोटल गुंडागिर्दी करने पर उतारू है। हालात यह है कि बस आॅपरेटर पूरे जिले में पब्लिक के साथ साथ पुलिस को भी नहीं छोड रहे। ऐसा नहीं है इस बस संचालका चिट्टा आरटीओं मेडम के पास नहीं है। परंतु मैडम अपने कार्यालय में बैठी है। और अपनी बसूली में मस्त है। जिसका जीता जागता उदाहरण जिले के सुभाषपुरा थाने में देखा गया था।
जहां बस संचालकों ने थाने में जमकर कहर बरफाया। वीडियों बायरल होने के बाद इस मामले में भाजयुमों अध्यक्ष को जेल जाना पडा। परंतु उसके बाबजूद भी उक्त बस संचालक अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे। जिसका नतीजा यह है कि मजबूरन सबारियों को दो गुना रेट में यात्री बसों में सबारी करनी पढ रही है।
जानकारी के अनुसार रन्नौद से देहरदा चौराहा की दूरी मात्र 26 किलोमीटर है। किंतु यात्री बसों के द्वारा 50 प्रति सवारी किराया वसूला जा रहा है जो परिवहन विभाग के नियमों की धज्जियां उडा रहा है। यहां बता दे कि मध्यप्रदेश शासन ने परिवहन विभाग को 25 अगस्त 2014 को एक आदेश जारी किया था। जिसमें किराया निर्धारित किया गया था।
प्रति किलोमीटर 92 पैसे किराया यात्री से बसूला जाएगा। परंतु 25 अगस्त 2014 के नियम को ठेंगा दिखाते हुए रन्नौद से देहरदा चौराहा का किराया 23 रूपए 92 पैसे होता है। किंतु अगर बात करें मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के नए आदेश की जो डीजल के बढ़ते दामों को लेकर परिवहन विभाग ने किराया दर बढ़ाया था।
वह दर 97 पैसे प्रति किलोमीटर निर्धारित किया था और आदेश मध्यप्रदेश शासन ने परिवहन विभाग को 25 अप्रैल 2015 को आदेशित किया था अगर हम इस नियम के अनुसार रन्नौद से देहरा चौराहे का किराया निर्धारित करते हैं तो 25 रूपया 22 पैसे बनता है।
परंतु यात्री बसों ने मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के नियमों को ठेंगा दिखाते हुए अपना ही अलग फोरमेट यहां लागू कर रखा है। जिसके चलते बेचारे भोले भाले ग्रामीणों से 50 प्रति सवारी वसूला जा रहा है। ऐसा नहीं है कि इस मामले की शिवपुरी आरटीओ अनिविज्ञ है। अपितु शिवपुरी आरटीओ तो महज भ्रष्टाचार तक सीमित है। तो उन्हें यह क्त्य दिखाई नहीं दे रहा। अब देखना यह है कि इस खबर प्रकाशन के बाद बसों में चल रही बस संचालकों की गुण्डागिर्दी किस हद तक थम पाती है।
