श्रीजी वेयर हाउस: बदनाम चने की नीलामी, सबसे बड़ी बोली से भी 27 लाख का घाटा

Bhopal Samachar
कोलारस। खबर श्रीजी वेयर से आ रही हैं आज फिर चने घोटाले का समेटने का प्रयास किया गया, लेकिन अपनी क्वालिटी के लिए हुआ बदनाम चना फिर पूरी रेट नही ले सका। आज आनलाईन लगाई गई बोली में शासन को 27 लाख का चूना लगने की खबर आ रही हैं अब गेंद कलेक्टर के पाले में की वह इस दर को स्वीकृत करती हैं या पहले की तरह अस्वीकृत।

इस नीलामी के न होने से इस क्षेत्र के किसानों का करोडों रूपए का भुगतान अटका हुआ है। जिसके चलते प्रशासन पर इस मामले को जल्द से जल्द निपटाने का दबाव है। परंतु इस मामले को जितना प्रशासन समेटने का प्रयास कर रहा है। उतना ही यह रायता फैलता जा रहा है।

आज इस वेयर हाउस पर तीसरी बार अमानक चने की बोली लगाई गई है। जिसमें इस अमानक चने की नीलामी आज ई टेंडर के माध्यम से की गई। श्रीजी वेयरहाउस पर रखे अमानक चनें की ई टेंडर के माध्यम से आज 3657 रुपये चने की बोली लगाई गई है।  जिसे कलेक्टर की स्वीकृती होना शेष हैं। बता दें कि समर्थन मूल्य पर खरीदी गई चने की कीमत सरकार द्वारा 4620 रुपए रखी गई थी।

इस रेट पर स्वीकृति के लिए मामले को कलेक्टर के पास भेजा गया है। जिसमें कलेक्टर अगर इस मामले को स्वीकृत कर देती है तो भी शासन को लगभग 27 लाख रूपए का चूना लगना तय है। अब देखना होगा कि नीलामी और सरकार के द्वारा खरीदा गए चने की कीमतों में अंतर को कैसे मैनेज किया जाएगा।

बता दे कि इससे पहले भी इसी अमानक चने की 2 बार नीलामी हो चुकी है। जिसमें 10 अक्टूबर को चना, मसूर, एवं सरसों की पहली  नीलामी ऑफलाइन हुई थी। जिसमें नीलामी एवं सरकार द्वारा खरीदी गई फसल की कीमतों मैं अधिक अंतर होने के कारण यह नीलामी कैंसिल हो गई है।

दूसरी चना मसूर एवं सरसों की नीलामी ई टेंडर के माध्यम से 11 नववंर को की गई थी। जिसमे व्यापारी ने चना नही उठाया व्यापारी का आरोप था कि दिखाया गया माल और बेचा जा रहा माल अलग अलग है। जबकि सरसों एवं मसूर को अन्य व्यापारियो द्वारा खरीद लिया गया था।

दूसरी नीलामी के दौरान दिल्ली के व्यापारी से पांच परसेंट राशि जमा कराई गई थी। जो पिछली नीलामी निरस्त होने के बाबजूद व्यापारियो से लिया गया भुगतान वापस न होने से व्यापारी परेशान होते दिख रहे है। यह व्यापारी दिल्ली से आकर इस भुगतान को लेकर शिवपुरी जिला प्रशासन से अपने ही पैसे की भींख सी मांग रहे है।

माल उठने के बाद भी नही हो रहा किसानों का भुगतान

11 नवंबर को हुई नीलामी में मसूर, सरसों एवं चना की बोली लगने के बाद मसूर एवं सरसों को व्यापारियों द्वारा वेयर हाउस से उठाकर प्रशासन को 20 दिवस पहले ही भुगतान कर दिया गया है। बावजूद इसके प्रशासन द्वारा किसानों का भुगतान आज दिनांक तक नहीं किया गया है।

मसूर का  22 किसानों का  538 क्विंटल का 2407550 रुपए भुगतान है जबकि  425 क्विंटल मसूर की नीलामी की गई थी जांच दल द्वारा विगत माह हुई गिनती में पाया गया था कि चने में 320 क्विंटल सरसों में 177 क्विंटल एवं मसूर में 120 क्विंटल की शॉर्टेज है सोचना होगा कि पाई गई इस शॉर्टेज का भुगतान कौन करेगा।