शिवपुरी। किसी भी प्रकार की चिकित्सा सेवा में अगर आप कार्य करते हैं तो सबसे पहले आप में मानवीय गुण होने चाहिए नही तो आप अपने कर्तव्य का निर्वहन नही कर सकते हैं। आज हम डॉक्टर और नर्सो की बात नही कर रहे बल्कि एक एंबुलेंस कर्मी की बात करते है।
एंबुलेंस का ड्रायबर होना भी एक चिकित्सा सेवा के अंतर्गत आता हैं,क्यो कि सबसे पहले मरीज उससे ही मिलता हैं और सेवाओ के कारण ही मरीज को आगे की चिकित्सा सहायता मिलती हैं, लेकिन शिवपुरी में एक मामला ऐसा दिखा अपनी सेवाओ को ग्रहण लगता दिखा।
जानकारी के अनुसार खोड़ क्षेत्र के विजयपुर गांव से शुक्रवार को एंबुलेंस 108 प्रसूता की डिलीवरी के लिए जिला अस्पताल शिवपुरी लेकर आई। प्रसूता मनीषा जाटव पत्नी राजेंद्र सिंह जाटव निवासी विजयपुर खोड के साथ उसकी सास रामवती जाटव थी साथ आईं थी।
रास्ते में सफर के दौरान रामवती को उल्टी हो गईं। जिससे गेट व शीशा गंदा हो गया। एंबुलेंस क्रमांक एमपी33डी1041 जैसे ही जिला अस्पताल पहुंची, चालक संजीव ने दर्द से कराहती प्रसूता को जब तक नहीं उतरने दिया तब तक कि प्रसूता की सास ने एंबुलेंस का गेट और शीशा साफ नहीं कर दिया।
बताया जा रहा हैं कि जब प्रसूता की सास एंबुलेंस पर लगी गंदगी साफ कर रही थी,तब प्रसूता दर्द से कराह रही थी,लेकिन एंबुलेंस के चालक पर इस जानलेवा कराहते हुए दर्द का कोई असर नही पडा।